________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir मं०म० // 98 // स्थापनाद्यामुद्रावक्ष्यते // 107 // 108 // 109 // 110 // 111 // इतिमंत्रमहोदधिनौकायामका सटीक दशस्तरंगः // 11 // // श्रीविद्यायाआवरणार्चनंवक्तुंप्रतिजानीते // श्रीविद्यायाइति ॥येनमनोरथाधि चक्रेस्मिन्कुरुसान्निध्यनमोंतःस्थापनेमनुः // दर्शयेत्स्थापनीमुद्रांसनिधिसन्निरोधनम्॥७॥संमुखीकर | त०१२ णंतत्तन्मुद्राभिर्मत्रविच्चरेत् // न्यसेत्पडंगंदेव्यंगेसकलीकरणंत्विदम् // 8 // अवगुंठामृतीकारपरमीकर णानिच // ततन्मुद्राभिराराध्यमूलेनत्रिप्रपूजयेत् // 9 // ततःपाद्यादिकान्सम्यगुपचारान्प्रकल्पये / त् // मूलमंत्रेणपुष्पांतानपुनःसंतर्पयेत्रिधा // 11 // पुष्पांजलिंविधायाथध्यात्वादेवीयथाविधि // अनुज्ञांप्रार्थयेन्मंत्रीपरिवारसमर्चने // 111 // इति श्रीमन्महीधरविरचितेश्रीमंत्रमहोदधौश्रीविद्याकथनं नामैकादशस्तरंगः॥१३॥श्रीविद्यायाअथोवक्ष्येपरिवारप्रपूजनम् // कृतेनयेनमंत्रज्ञोलभतेवांछिताधि कम् // 1 // शुक्लपक्षेयजेन्नित्याःकामेश्वर्यादिषोडश // कृष्णपक्षेविचित्राद्याःकामेश्वर्य्यवसानकाः॥२॥ कमाप्नोति // 1 // शुक्लपक्षेकामेश्वर्यादिविचित्रांतांबिंदुपरितःकल्पितेत्रिकोणेप्रतिपार्श्ववामावर्तेनपंचपं चसंपूज्यबिंदोषोडशीमूलेनपूजयेत् // कृष्णपक्षेतुविचित्राद्या.कामेश्वर्यताः स्वमंत्रेणतथैव संपूज्यम // 98 // ध्येषोडशीयजेत् // 2 // For Private and Personal Use Only