________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir BOSS वशीकरणध्यानेऽकुशोदक्षे // 46 // बीजानामितित्रयाणामित्यर्थः // 47 // वाग्बीजध्यानमाह॥विद्येति // सृणिपाशधरादेवीरनालंकारभूषिताम्॥प्रसन्नामरुणांध्यायेद्वशीकरणसिद्धये // 46 // अथप्रत्येकमंत्रस्य / जपध्यानविधिब्रुवे॥ शापोद्धारप्रकारंचवीजानांदीपिनीरपि॥४७॥विद्याक्षमालासुकपालमुद्राराजत्करां कुंदसमानकांतिम् // मुक्ताफलालंकृतिशोभितांगीवालांस्मरेद्वाङ्मयसिद्धिहेतोः ॥४८॥ध्यात्वैवंवाग्भवं लक्षवयंशुक्लांबरावृतः॥शुलचंदनलिप्तांगोमौक्तिकाभरणान्वितः॥४९॥जपित्वातदशांशेनपालाशकुसुमै नवैः // जुहुयान्मधुराक्तैर्यःसकविर्युवतिप्रियः // 50 // भजेत्कल्पवृक्षाधउद्दीप्तरत्नासनेसन्निषण्णांमदा धूर्णिताक्षीम् // करैर्वीजपूरंकपालेषुचापंसपाशांकुशंरक्तवर्णीदधानाम् ॥५१॥ध्यात्वादेवींजपेल्लक्षत्रयं योमध्यवीजकम् // रक्तवस्त्रावृतोरक्तभूषणोरक्तलेपनः // 52 // दशांशंमालतीपुष्पैश्चंद्रचंदनलोलि तैः॥ जुहुयात्तस्यवश्याःस्युस्त्रिलोकीजनताःक्षणात् / / 53 // अक्षमालाज्ञानमुद्रेदक्षयोः॥४८॥ 49 // 50 // कामबीजध्यानमाह // कल्पति॥बीजपूरबाणांकुशादक्षेषु // कपालचापपाशावामेषु // निषण्णांस्थिताम् // षडस्तेयम् // 51 // 52 // 53 // HREERIESsss. S For Private and Personal Use Only