________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra Acharya Shri Kalassagarsur Gyanmandir www.kobatrm.org // 28 // पू० ख.. मि. तं० तरं० 11 त्यङ्मुखो वह्निमाराध्य प्रजपेमन्मनुम् // 8 // चतुःशतं विमुच्येत मंत्री सरुपद्रवैः // मंत्री प्रत्यङ्मुखो भूत्वा तर्पयेदिमलैर्जलेः // 9 // सर्वोपद्रवनाशाय समस्तायुदयातये // बहुना किमिहोक्तेन मंत्रणानेन साधकः // साधयेत्सकलान्कामाअपहोमादितत्परः॥ 10 // इति वरुणत्रिचत्वारिंशदक्षरमंत्रप्रयोगः // अथ कामदेवबीजमंत्रप्रयोगः॥ बीजं यथा-क्लीं इत्येकाक्षरो बीजमंत्रः॥ अस्य विधानम् // ॐ कामबीजमंत्रस्य संमोहन ऋषिः। गायत्री छंदः / सर्वसम्मोहनमकरध्वजो देवता / सर्वसंमोहने विनियोगः // ॐ संमोहनऋषये नमः। शिरसि // 1 // गायत्रीछंदसे नमः / मुखे // 2 // सर्वसंमोहनमकरध्वजदेवतायै नमः / हृदि // 3 // विनियोगाय नमः / सर्वाङ्गे // 4 // इति ऋष्यादिन्यासः // ॐ क्लां अंगुष्ठाभ्यां नमः // 1 // ॐ क्लीं तर्जनीभ्यां नमः॥२॥ ॐ क्लू मध्यमाभ्यां नमः // 3 // ॐ कें अनामिकाम्यां नमः // 4 // ॐ क्लौं कनिष्ठिकाभ्यां नमः // 5 // ॐ क्लः करतलकरपृष्ठाभ्यां नमः // 6 // इति करन्यासः॥ ॐ क्लां हृदयाय नमः॥ 1 // ॐ क्लीं शिरसे स्वाहा // 2 // ॐ क्लू शिखायै वषट् // 3 // ॐ के कवचाय हुम् // 4 // ॐ कौं नेत्र त्रयाय वौषट् // 5 // ॐ कृः अस्त्राय फट् // 6 // इति हृदयादिषडङ्गन्यासः // एवं न्यास कृत्वा ध्यायेत् / अथ ध्यानम् // जपारुणं रक्तविभूषणाढ्यं मानध्वजं चारुकतांगरागम् // करांबुजैरंकुशमिक्षुचापपुष्पास्वपाशी दधतं भजामि॥१॥ इति ध्यायेत् / ततः / पीठादौ रचिते सर्वतोभद्रमंडले मंडूकादिपरतत्त्वांतपीठदेवताः संस्थाप्य "ॐ में मंडूकादिपरतत्त्वांतपीठदेवताभ्यो नमः" इति संपूज्य नव पीठ शक्तीः पूजयेत् // पूर्वादिक्रमण ॐ मोहिन्यै नमः // 1 // ॐ क्षोभिण्यै नमः॥२॥ ॐ त्रास्यै नमः॥३॥ ॐ स्तंभिन्यै नमः // | अन्यस्वरूपो यथा-'क्लीं कामदेवाय नमः' इत्यष्टाक्षरी मंत्रः / अन्यत्सर्व पूर्ववत् // // 2 // For Private And Personal Use Only