________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobalrm.org Acharya Shri Kailassagarsun Gyanmandir 6 मं०म० // 39 // ॐ मैं विश्वमूर्तये क्लिन्नायै नमः नाभौ // 40 // ॐ मैं वैकुंठाय वसुदायै नमः उदरे // 43 // ॐ य त्वगात्मने पू० ख०१ पुरुषोत्तमाय वसुधायै नमः हृदि // 12 // ॐ रं अमृगात्मने बलिने परायै नमः दक्षांसे // 43 // ॐ लँ मांसात्मने बालानुजाय // 172 // परायणायै नमः ककुदि // 44 // ॐ व मेदात्मने बलाय सूक्ष्मायै नमः वामांसे // 45 // ॐ अस्थ्यात्मने वृषन्नाय संधायै नमः हृदयादिदक्षकरांतम् // 46 // ॐ मज्जात्मने वृषाय प्रज्ञायै नमः हृदयादिवामकरांतम् // 47 // ॐ सं शुक्रात्मने 10 है हंसाय प्रभायै नमः हृदयादिदक्षपादांतम् // 48 // ॐ हँ प्राणात्मने वराहाय निशायै नमः हृदयादिवामपादांतम् // 49 // ॐ लं जीवात्मने विमलाय अमोघायै नमः हृदयादि उदरांतम् // 50 // ॐछ क्रोधात्मने नृसिंहाय विद्युतायै नमः हृदयादिमुखांतम् जा॥५१ ॥इति विष्णकलामातृकान्यासं कृत्वा प्रयोगोक्तन्यासादिकं च कुर्यात्॥ अथ पीठपूजाप्रयोगः॥ पीठादी रचित सर्वतोभद्रमंडले. मंडुकादिपरतत्त्वांतपीठदेवताः स्थापयेत् // तद्यथा // स्ववामभागे श्रीगुरवे नमः // 1 // दक्षिणे गणपतये नमः // 2 // मध्ये . स्वेष्टदेवतायै नमः॥३॥ इति नत्वा पुष्पाक्षतानादाय पीठमध्ये ॐ मं मंडूकाय नमः॥ 3 // ॐ के कालाग्निरुद्राय नमः // 2 // ॐ अं आधारशक्तये नमः // 3 // ॐ कूर्माय नमः // 4 // ॐ अं अनंताय नमः // 5 // ॐ पृथिव्यै नमः // 6 // ॐ वाक्षी क्षीरसागराय नमः // 7 // ॐ रं रत्नदीपाय नमः ॥८॥ॐ रं रत्नमंडपाय नमः // 9 // ॐ कं कल्पवृक्षाय नमः // 10 // 1 // 172 / ॐ रं रत्नवेदिकायै नमः // 11 // ॐ रं रत्नसिंहासनाय नमः // 12 // आग्नेय्याम् ॐ धं धर्माय नमः // 13 // नैर्ऋत्याम् | 1 केशवादिस्य न्यासो न्यासमात्रेण देहिनाम् // अच्युतत्वं ददात्येव सत्यंसत्यं न संशयः // एवं न्यासविधि कृत्वा रुक्षान्नारायणो भवेत्॥ For Private And Personal Use Only