________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobalrm.org Acharya Shri Kailassagarsur Gyanmandir नृसिह पूजनयन्त्रम् मं०म० मध्ये ॐ अनुग्रहायै नमः॥ 9 // इति नव पीठशक्तीः संपूज्य स्वर्णादिनि // 167 // मित यंत्रमन्युत्तारणपूर्वकं “ॐ नमो भगवते नृसिंहाय दैत्यशत्रुसर्वात्मसंयोग पद्मपीठाय नमः” इति मंत्रेण पुष्पाद्यासनं दत्त्वा पीठमध्ये संस्थाप्य प्राणप्र तिष्ठां च कृत्वा पुनर्व्यात्वा मूलेन मूर्ति प्रकल्प्य आवाहनादिपुष्पांतरुपचा MR: संपूज्य देवाज्ञां गृहीत्वा आवरणपूजां कुर्य्यात् // तत्र क्रमः // षट्को कणकेसरेषु अभिकोणे ॐ उग्रवीरं हृदयाय नमः // 3 // निर्वते ॐ महाविष्णुं शिरसे स्वाहा // 2 // वायव्ये ॐ उज्वलंत सर्वतोमुखं शिखायै वषट् // 3 // ऐशान्ये ॐ नृसिंह भीषण कवचाय हूं // 4 // पज्यपूजकयो मध्ये / भई मृत्युमृत्यु नेत्रत्रयाय वौषट् // 5 // देवतापश्चिमे। ॐ नमाम्यहं अस्वाय फट् // 6 // इति षडंगानि पूजयेत् // ततोष्टदले पूज्यपूजकयोमध्ये प्राची प्रकल्प्य प्राचीक्रमेण प्राच्यां ॐ गरुडपक्षिराजाय नमः गरुडश्री पादुकां पूजयामि तर्पयामि नमः॥ ३॥इति सर्वत्र // दक्षिणे ॐ शंकराय नमः शंकरश्रीपा० // 2 // पश्चिमे ॐ शेषाय नमः शेषश्रीपा० // 3 // ॐउग्रवीरंमहावि // 167 // For Private And Personal Use Only