________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobalrm.org Acharya Shri Kalassagarsur Gyanmandir वि० सं० म.म० क्षेत्रसिद्धये // प्रातःकाले भृगोर्वारे मृदं साध्यमहीतलात् // 9 // आदाय हविरापाद्य पूर्ववज्जुहुयात्मुधीः // विरोधो नश्यति क्षेत्रे सह पू० ख०६ चौरायुपद्रवैः // 10 // राजवृक्षसमुत्थाभिः समिद्भिर्मनुनामुना // त्रिसहस्र प्रजुहुयानस्य स्युः सर्वसंपदः // 1 // शालिभिर्जुहुया KIमंत्री नित्यमष्टोत्तरं शतम् // समृद्धैर्धान्यसंघातैः शोभते तस्य मंदिरम् // 12 // तावदाज्येन जुहयान्मंडलात्स्वर्णमानुयात् // लाजैः। कन्यामवामोति मध्यक्तैर्निजवांछितम् // 13 // मधुरत्रयसंयुक्तैर्जुहुयादुत्पलैः शुभैः।। महतीं श्रियमानोति मंडलात्पूर्वसंख्यया // 14 // इति वाराहमंत्रप्रयोगः॥अथ नृसिंहमंत्रप्रयोगः॥ (शारदातिलके) ॥मंत्रो यथा॥"ॐ उग्रवीरं महाविष्णुं ज्वलंतं सर्वतोमुखम् // नृसिंहं भीषणं भद्रं मृत्युमृत्युं नमाम्यहम् // 1 // " इति श्लोकरूपमंत्रः॥ अस्य नृसिंहमन्त्रस्य ब्रह्मा ऋषिः। अनुष्टुप्छन्दः / सुरासुरनमस्कृतनृसिंहो देव ता। सर्वेष्टसिद्धये जपे विनियोगः // ॐ ब्रह्मर्षये नमः शिरसि // 1 // अनुष्टुप्छन्दसे नमः मुखे // 2 // श्रीनृसिंहदेवतायै नमः हृदि // 3 // विनियोगाय नमः सर्वांगे // 4 // इति ऋष्यादिन्यासः // ॐ उग्रवीरम् अंगुष्ठाभ्यां नमः // 1 // महाविष्णु तर्जनीन्यां नमः // 2 // ज्वलंतं सर्वतोमुखं मध्यमाभ्यां नमः // 3 // नृसिंहभीषणम अनामिकाच्या नमः // 4 // भद्रं मृत्यु मृत्युं कनिष्ठिकाभ्यां नमः॥ 5 // नमाम्यहं करतलकरपृष्ठात्यां नमः // 6 // इति करन्यासः // ॐ उग्रवीरं हृदयाय नमः॥१॥ महाविष्णुं शिरसे स्वाहा // 2 // ज्वलंतं सर्वतोमुखं शिखायै वषट् // 3 // नृसिंहभीषणं कवचाय हुं // 4 // भद्रं मृत्युमृत्यु नेत्रत्रयाय वौषट् // 5 // नमाम्यहम् अस्त्राय फट् // 6 // इति हृदयादिषडंगन्यासः // ॐ उं नमः शिरसि // 1 // ॐ यं नमः ललाटे // 2 ॐ वीं नमः नेत्रयोः॥३॥ ॐ रं नमः मुखे // 4 // ॐ में नमः दक्षिणबाहुमूले // 5 // ॐ हां नमः दक्षिणकूपरे // 6 // ॐ For Private And Personal Use Only