________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatrm.org Acharya Shri Kailassagarsur Gyanmandir देवेशं भित्तौ वा पूजयेत्सुधीः // सुगंधिकुमुमैनित्यं महतीं श्रियमश्नुते // 5 // इत्यष्टादशाक्षरदधिवामनाख्यमंत्रप्रयोगः // अथ हयग्रीवविष्णुमंत्रप्रयोगः // (तंत्रसारे ) मंत्रो यथा // "हंसः सोहं विश्वातीर्णस्वरूपाय चिन्मयानंदरूपिणे // तुत्यं नमो हयग्रीव विद्याराजाय विष्णवे स्वाहा हंसः सोहम्॥” इति द्विचत्वारिंशदक्षरो हयग्रीवमंत्रः // अस्य मंत्रस्य ब्रह्मा ऋषिः / अनुष्टुप् छंदः / हय | ग्रीवो देवता सर्वेष्टसिद्धये जपे विनियोगः // ब्रह्मणे ऋयये नमः शिरसि // 1 // अनुष्टुप्छंदसे नमः मुखे // 2 // हयग्रीवाय देवतायै नमः हृदि // 3 // विनियोगाय नमः सर्वांगे // 4 // इति ऋष्यादिन्यातः॥ हंसः सोहम् अंगुष्ठाभ्यां नमः // 1 // विश्वा| तीर्णस्वरूपाय तर्जनीभ्यां नमः // 2 // चिन्मयानंदरूपिणे मध्यमाभ्यां नमः // 3 // तुल्यं नमो हयग्रीव अनामिकाभ्यां नमः॥४॥ विद्याराजाय विष्णवे कनिष्ठिकाभ्यां नमः // 5 // स्वाहा हंसः सोहं करतलकरपृष्ठाभ्यां नमः // 6 // इति करन्यासः॥ हंसः सोही हृदयाय नमः॥ 1 // विश्वातीर्णश्वरूपाय शिरसे स्वाहा // 2 // चिन्मयानंदरूपिणे शिखायै वषट् // 3 // तुल्यं नमो हयग्री व कवचाय हुं // 4 // विद्याराजाय विष्णवे नेत्रत्रयाय वौषट्॥५॥ स्वाहा हंसः सोहम् अस्त्राय फट्॥६॥इति हृदयादिषडंगन्यासः॥ एवं न्यासविधि कत्वा ध्यायेत् // शरच्छशांकप्रभमश्ववकं मुक्तामयैराभरणैरुपेतम् // रथांगशंखांचित्तबाहुयुग्मं जानुद्दयन्यस्तकर भजामः // 1 // इति ध्यायेत् ततः पीठादौ रचिते सर्वतोभद्रमंडले ॐ में मंडूकादिपरतत्त्वांतपीठदेवतात्यो नमः। इति पीठदेवताः संपूज्य नव पीठशक्तीः पूजयेत् / तद्यथा / ॐ विमलायै नमः // 1 // ॐ उत्कर्षिण्यै नमः // 2 // ॐ ज्ञानायै नमः॥ 3 // ॐ क्रियायै नमः॥४॥ ॐ योगायै नमः॥ 5 // ॐ प्रयै नमः॥६॥ॐ सत्यायै नमः // 7 // ॐ ईशानायै नमः॥८॥ For Private And Personal Use Only