________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kabatirth.org Acharya Shri Kalassagarsun Gyanmandir तरं०६ म०म०ॐ वं नमः वामजानुवृत्ते // 21 // ॐ वं नमः दक्षिणम्तने // 20 // ॐ धं नमः वामस्तने // 23 // ॐ नां नमः दक्षिणपाचे खं० 1 // 24 // ॐ मृ नमः वामपाचे // 25 // ॐ त्यो नमः दक्षिणपादे // 26 // ॐ मुं नमः वामपादे ॥२७॥ॐाँ नमः दक्षिणकरे, // 28 // ॐ यं नमः वामकरे // 29 // ॐ मां नमः दक्षनासायाम् // 30 // ॐ मुं नमः वामनासायाम् // 33 // ॐ ता नमः / मूर्ध्नि // 32 // इति मंत्रवर्णन्यासः // ॐ त्र्यंबकं शिरमि // 1 // यजामहे वौः॥ २॥सुगंधिं पुष्टिनेत्रयोः॥३॥वर्धनं मुखे // 4 // उर्वारुकं गंडयोः // 5 // इव हृदये // 6 // बंधनात् जठरे / / 7 // मृत्योः लिंगे // 8 // मुशीय हृदये // 9 // मा जान्योः१०॥ मृतात् पादयोः // 11 // इति पदन्यासः // एवं न्यासं कृत्वा ध्यायेत् // हस्ताभ्यां कलशद्वयामृतरसैराप्लावयंत शिरो द्वायां तौ दधत मृगाक्षवलये द्वाश्यां वहतं परम् // अंकन्यस्तकरद्वयामृतघटं कैलासकांतं शिवं स्वच्छांनोजगतं नवेन्दुमुकुटं देवं त्रिनेत्रं भजे // 1 // इति ध्यायेत् / पीठादौ रचिते सर्वतोभद्रमण्डले लिंगतोभद्रमण्डले वा मंडूकादिपरतत्त्वांतपीठदेवताः संपूज्य नव पीठशक्तीः पूजयेत् / पूर्वादिक्रमेण / ॐ वामायै नमः // 1 // ॐ ज्येष्ठायै नमः // 2 // ॐ रौद्यै नमः // 3 // ॐ काल्यै नमः // 4 // ॐ कलविक रिण्यै नमः॥ 5 // ॐ बलविकरिण्यै नमः // 6 // ॐ बलप्रमथिन्यै नमः // 7 // ॐ सर्वभतदमन्यै नमः // 8 // मध्ये ॐ मनो न्मन्यै नमः॥ 9 // इति पूजयेत् / ततः स्वर्णादिनिर्मित यंत्रं मृर्ति वा ताम्रपात्रे निधाय घृतेनात्यज्य तदुपरि दुग्धधारां जलधारां च // 11 // दत्त्वा स्वच्छवस्त्रेण संशोष्य ॐ नमो भगवते सकलगुणात्मशक्तियुक्ताय अनन्ताय योगपीठात्मने नमः / इति मंत्रेण पुष्पाद्यासनं दत्त्वा | For Private And Personal Use Only