________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobalrm.org Acharya Shri Kailassagarsur Gyanmandir . म. // 11 // भवति / सिद्धे च मंत्र मंत्री प्रयोगान् साधयेत् / (तथा च शरदायाम् ) "गुणलक्षं जपेन्मत्रं तद्दशांशं विशालधीः // जुहुयादमृताखंडः। पू० ख०१ शुद्धदुग्धाज्यलोलितैः॥१॥ जपपूजादिभिः सिद्धे मंत्रेऽस्मिन्मनुना कमात् // कुर्य्यात्प्रयोगान् कल्पोक्तानभीष्टान्फलसिद्धये // 2 // दुग्ध शुद्धदुग्धा शि• तं. युक्तैः सुधाखंडैमंत्री मासं सहस्रकम॥ आराधितेग्नौ जुहुयाविधिवद्विजितेन्द्रियः // 3 // संतुष्टः शंकरस्तेन सुधाप्लावितविग्रहः // आयु रारोग्यसंपत्तियशःपुत्रान्विवर्द्धयेत् // 4 // सुधावटौ तिला दर्वाः पयः सर्पिः पयोहविः // इत्युक्तैः सप्तभिर्दव्यैर्जुहुयात्सप्तवासरम्॥ 5 // क्रमादशांशतो नित्यमष्टोत्तरमतन्द्रितः // सप्ताधिकान द्विजान्नित्यं भोजयेन्मधुरान्वितम् // 6 // विकारानुगुणं मंत्री वर्द्धयेद्धोमवासरान् // होतृत्यो दक्षिणां दद्यादरुणा गाः पयस्विनीः॥ 7 // गुरु संप्रीणयेत्पश्चाद्धनादेवताधिया / अनेन विधिना साध्यं कृत्वा द्रोहज्वरा दिभिः // 8 // विमुक्तः सुचिरं जीवेच्छरदां शतमंजसा // अभिचारे ज्वरे तीब्रे घोरोन्मादे शिरोगदे // 9 // असाध्यरोगक्ष्वेडादौ / महादाहे महामये // होमोयं शांतिदः प्रोक्तः सर्वसम्पत्प्रदायकः // 10 // द्रव्यरेतेः प्रजहुयात्रिजन्मसु यथाविधि // भोजयेन्मधुरै छ दाभोज्यालणान्वेदपारगान् // 11 दीर्घमायुरवामेति वांछितां विंदति श्रियम् // एकादशाहुतीनित्यं दूर्वाभिर्जुहुयाद्धः // 12 // अप मृत्युजिदेष स्यादायुरारोग्यवर्द्धनः // द्विजन्मसु सुधावल्लीकाश्मरीबकुलोद्भवैः // 13 // समिद्वरैः कृतो होमः सर्वमृत्युगदापहः // ति धान्नविहितो होमो महाज्वरविनाशनः // अपामार्गसमिद्धोमः सर्वामयनिषूदनः // 14 // इति त्र्यक्षरमृत्युंजयमंत्रप्रयोगः // अथ व्यंबकमंत्रप्रयोगः॥ (शारदातिलके) “अथ त्रैय्यबकं मंत्रमभिधास्याम्यनुष्टुभम् // यं भजंतं नरं कालः स्वयं वीक्षितुमक्षमः॥३॥" 117 // मंत्रो यथा-"ॐ त्र्यंबकं यजामहे सुगंधिम्पुष्टिवर्धनम् // उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्" इति मंत्रः / अस्य विधानम् / / For Private And Personal Use Only