________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobalrm.org Acharya Shri Kalassagarsur Gyanmandir मं० म निष्कलो निर्मलो नित्यो नित्यानित्यो निरामयः // 28 // परं व्योम परं धाम परमात्मा परम्पदम् // परात्परः पशुपतिः पशुपाशवि पू०ख 1 ॥१००मोचकः // 99 // पूर्णानंदः परानन्दः पुराणपुरुषोत्तमः // पद्मभमन्ननयनः प्रणताज्ञानमोचनः // 10 // प्रणामप्रत्ययातीतः प्रणतागतं. ऋतिनिवारणः // फलहस्तः फणिपतिः फे कारः फाणितप्रियः / / 30 // बाणार्चितांधियुगलो बालकेलिकुतूहली // ब्रह्म ब्रह्माचिं, तरं०५ तपदा ब्रह्मचारी बृहस्पतिः।। 102 // बृहत्तमो ब्रह्मपरो ब्रह्मण्यो ब्रह्मविलियः // बृहन्नादायचीत्कारो ब्रह्माण्डवालिमेखलः // // 303 / / भृक्षेपदत्तलक्ष्मीको भग्गा भद्रो भयापहः // भगवान भक्तिसुलतो भूतिदो भूतिभूषणः // 104 // भव्यो भूतालयोन भोगदाता मध्यगोचरः / / मंत्री मंत्रपतिमंत्री मदमनो मनोरमः / / 05 / / मेखलावान्मन्दगतिमतिमान्कमलेक्षणः / / महाबलो महावीर्यो महामाणो महामनाः // 106 // यज्ञो यज्ञपतिर्यजगोमा यज्ञफलप्रदः / / यशस्कगे योगगम्यो याज्ञिको याजकप्रियः॥ 107 / / रसो रसप्रियो रस्यो रञ्जको रावणाचितः / / रक्षो रक्षाकरो रत्नगर्भा गज्यसुखप्रदः // 108 // लक्ष्यालक्षप्रदो। लक्ष्यो लयस्थो लड्डुकप्रियः // लानप्रियो लास्यपरो लाभकल्लोकविश्रुतः / / / 09 // वरेण्यो वह्निवदनो बन्यो वेदांतगोचरः / / विकर्ता विश्वतश्चक्षुविधाता विश्वतोमुखः // 10 // वामदेवो विश्वनेता वजी वज्रनिवारणः // विश्ववंधनविष्कम्भाधारो विश्वेश्वरः प्रभुः // 13 // शब्दब्रह्म शमप्राप्यः शम्भुशक्तिगणेश्वरः // शास्ता शिखायनिलयः शरण्यः शिखरीश्वरः॥१२॥ पट्टतुकुसुमत्रग्वी // 10 // षडाधारः षडक्षरः // संसारवैद्यः सर्वज्ञस्सर्वभेषजोषजम् // 13 // मृष्टिस्थितिलयक्रीडः सुरकुंजरभेदनः // सिन्दरितमहाकुंभस्सद / / सद्यक्तिदायकः // 114 // माक्षी समृद्रमथनः स्वसंवेद्यः स्वदक्षिणः / त्वतंत्रः सत्यसंकल्पस्सामगानरतस्मुखी // 15 // मो For Private And Personal Use Only