________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobafirth.org Acharya Shri Kailashsagarsuri Gyanmandir हाथेन्द्रौद्युम्नायाभवत् // देवास्तइन्द्रसुख्याययेमिरेबृहद्भानोमरु / / तद्गणः // 20 // उत्तराषाढामंत्रः // विश्वेदेवासुऽआगतशृणुतामंडुम हवम् // एदम्बुर्हिनिषीदत // 21 // श्रवणमंत्राविष्णौरराटम / सुिविष्णो नत्रैस्थीविष्णोत्स्स्यूरसुिविष्णोद्रवोसि // वैष्णुवमसि / / विष्णवेत्वा॥ 22 ॥धनिष्ठामंत्रः॥वसौत्पवित्रमसुिद्यौरसिपृथिव्या। शसिमातुरिश्वनाभौसिविश्वाऽअसि // पुरमेणुधाम्नादृहस्स्व / माव्हाातैज्ञपतिर्वार्षीत् ॥२३॥शततारकामंत्रः // वरुणस्स्यो त्तिम्भनमसुिवरुणस्यस्स्कम्भुर्सज्जनीस्त्यावरुणस्स्य ऋतुसदन्य For Private And Personal