________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
प्रमाणों के आधार पर यह मन्दिर दूसरी शताब्दी में कच्ची ईटों का बना था। अथानन्तर पाठवी शताब्दी में पारेवा नामक पत्थरों से बना और पश्चात् सं. १४३१ में पुख्ता पत्थर का बनवाया गया इसका प्रमाण मन्दिर के खेला मण्डप में (उत्तरी दीवार में)लंगे सबसे प्राचीन शिलालेख से जीर्णोद्धार होना स्पष्ट है । जो कि इस प्रकार है :
'श्री आदिनाथ प्रणम्य लोक आश्वासिता केचन बित कार्याग्न मोक्ष मार्गे तमादिनार्थ प्रणमादि नित्य-मादित्य सं. १४३१ वर्षे वैशाख सुदी अक्षय तिथौ बुध दिनाः गुरावदेहा वापी कूप प्रसरि सरोवरालं कत पत्तने राज्य श्री विजयराज्य पालयन्ति सति उदयराज सेलया श्री मज्जिनेन्द्राराधन तत्पर पंचूली वागड प्रति यात्रा श्री काष्ठासंघ भट्टारक श्री धर्मकीति गुरोपदेशेन वाये साध बीजासुत हरदास
For Private and Personal Use Only