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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyan mandir जम्बूचरित्रे सयलंपि । सह मित्तमंडलीए, सइ कीलइ काणणाईसु ॥ ८१॥ पुणरवि सुहम्मसामी, समागओ रायगिहपुरदुवारे । जंबुकुमारो जम्बुकुमारजाणिय तदागमो निग्गओ नमिउं ।। ८२ ।। आरामसमोसरियं, पणमित्तुं पहुं पुरो निसनो य। हरिसियहियओ निसुणेइ, देसणं मउलियमाकरो ।। ८३ ।। लद्धृण माणुसत्तं चोल्लगदिटुंतदुल्लहं लोए । मा मा पमायमइरामत्ता विहलेह लेह फलं ।। ८४ ॥ जेण ब्रह्मनियमः। १३॥IN मरुलहरिपिल्लियतरुपल्लवलोलमाउ जीवाणं । जोव्वणमुव्वणं मयणाभिरामरामा कडक्खचलं ।। ८५ ।। जरजज्जररुक्खो विव, काओ रोगाइपन्नगनिकाओ। रमणीओ विमणीओ, उरगाण व अइदुगेज्झाओ ॥८६॥ अइसयतरला लच्छी, बच्छच्छाया जहा IN अणस्थावि । पियजणसंजोगो जोवि, सो वि संपावियविओगो ॥ ८७ ॥ इय भवभावे परिभाविऊण सव्वेवि भंगुरसहावे । सासयसोक्खे मोक्खे, जुत्तो जत्तो सया काउं ॥८८ ।। स पुणो पव्वजाए, अणवज्जाए पवजियाए भवे। बीएण विणा किं सा, | लगेइ साली सुखेत्तेवि ॥ ८९॥ सा होइ कायराणं, सुदुक्करा तदियराण पुण सुकरा । सिवसुहमिहेव दंसइ, संतोससमाहिमंताण IN ॥१९०।। पयपउमे पणमिय, विन्नवेइ गणहारिणं 'गुणी स तओ। इच्छामि सामि! पासे, तुह पवजं पवजेउं ॥९१।। आह पहू | पडिबंध, मा धीर | धरेहि पुण क्षणो दुलहो । भगइ स अम्मापियरो, अणुजाणावेमि ताव लहुं ॥ ९२ ।। जावजीवाए ताव, IN | बंभचेरे अभिग्गहं देह । पव्वजापारंभे, पणवोऽयं होउ आह पहु ॥ ९३ ॥ इय नियमिय स नियत्तो अदंभवभव्वए कयपयत्तो।। स घरं सिग्धं पत्तो, पियरे विन्नविउमाढत्तो ॥ ९४ ।। निसुया सुहम्मसामिस्स, देसणा अज तायमाय! मए । रहिया मणमि सावज्जलेवलेवेण लीणव्व ॥९५।। अइस जाय ! जार्य, जं कयमेवंति तेहिं संलत्ते । स भणइ पब्बजाए, अणुजाणह वा मममियाणि ।। ९६ ॥ इय निसुणिऊण मुच्छानिमीलियच्छाई ताई पिच्छीए। निवडियपावियपुणचेयणाई जंपति दीणसरं ॥ ९७॥ तं कप्पपायवो पुत्त !, अम्ह गेहंमि तं विणा हिययं । अइसयसुपकदाडिमफलं व ओफुट्टइ तडत्ति ॥ ९८ ॥ अणुलोमियाहिं ॥१३॥ पडिलोमियाहिं, पियरेहिं बहुपयारेहिं । पन्नविओ पन्नवणाहिं, जाव मन्नइ न तव्वयणं ।। ९९ ॥ पभणति ताव अव्वो, कयपरिण गुणी ० गणी ।। peecemeneurrezoecoveezer RRCURRCPCDCPCRenePer For Private And Personal Use Only
SR No.020401
Book TitleJambuswami Charitam
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRatnaprabhsuri, Hemsagarsuri
PublisherDhanjibhai D Zaveri
Publication Year1957
Total Pages64
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size3 MB
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