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|| श्री जिनाय नमः ॥
श्री जैन गोत्र संग्रह.
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संग्रह करी छपावी त्रसिद्ध करनार पंडित श्रावक हीरालाल हंसराज ( जामनगरवाळा- लालन )
हरियाण गोत्र. ( श्रीमाली ) ( मुख्य शाखाओ )
वृद्धसजनीय ( वीसा ), लघुसजनीय ( दसा ) ( पेठा शाखाओ )
आंबलीआ, मणीयार, वहोरा, वींछीवाडीआ, सहसा, गुणा, कका, ग्रथलीया, अन्ना विगरे.
आ गोत्रनी उत्पत्ति - विक्रम संवत ७९५ मां भिन्नमाल नगरमां श्रीमाली ज्ञातिनो अग्यार कोड द्रव्यनो मालिक ia नामे वैष्णव शेठ रहतो हतो. तेने उदयप्रभसूरिए प्रतिबोधीने जैन कर्यो, तेना वंशमां विक्रम संवत ११११
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