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भरी आवती हती, एवामां बरसाद वरसवाथी ते कादबमा लपसीपडी मरण पामी, तथा व्यंतरी थइ.पछी तेणीए प्रगट थइ कह्यु के तमारा वंशमा हवेथी अघरणी करवी नही, जेथी आ वंशमा संवत १२६३थी अधरणीनो खोलो भरता नथी. ___ आ गोत्रना वंशजो जोधपुर पासे सीलवइ, गुदाउ, मुरांण, भीलासण, सीवाह, लुणोद्री, जोडवाडा, रेवतड, चाटवाडा, भाडुइ, सीवाड, कोडीभ, भिन्नमाल, धानस, कावित्र, पोसाण, अमदावाद खानपुरवाडे, पाटण, नुहरि, राणपुर, डभोइ विगेरे गामोमा बस्या.
आ वंशमा इभोइमा वसनारा वर्धमान शेठथी सं. १२८५ मा गांधीनी ओडक थइ छे.
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