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हंसिका-हगास हंसिका-खी० [सं०] हंसी।
जैसा चाहिये उस तरह करना (नौकरीका हक अदा हंसिनी-स्त्री०सी; [सं०] चलनेका एक विशेष दंग।। करना)। -पर लड़ना-हकके लिए, न्यायके लिए हँसिया-पु. लोहेका एक धनुषाकार औजार जिससे लड़ना। -पर होना-न्यायका पक्ष लेना, न्याय्य अधिफसल, तरकारी आदि काटते हैं।
कारका आग्रह करना। -मारना-नेग आदि न देना । हंसी-स्त्री [सं०] मादा इंस, एक वर्णवृत्त ।
(किसीके)-में-विषयमें पक्षों के लिए । (किसीके) हँसी-स्त्री० हँसनेकी क्रिया, हासा मजाक, दिल्लगी; उप- | -में काँटे बोना-बुराई करना। हास; बदनामी खेल, आसान काम 1-खेल-पु०दिल्लगी। इकबकाना-अ०कि. स्तंभित होना, भौचक रह जाना।
और खेल, आसान काम । -ठठोली-स्त्री० हंसी-मजाक, हकला-वि० हकलानेवाला, रुक-रुककर बोलने, एक ही दिल्लगी। सु०-उड़ना-किसीका मजाक होना, किसीका अक्षर या शब्द कई बार कहनेवाला । -पन-पु० दे० बनाया जाना । -उड़ाना-किसीको बनाना, किसीकी | 'हकलाहट'। भ६ करना। -छटना-तेजीसे हँसो आना ।-ज़ब्त कर हकलाना-अ० क्रि० वाग्यंत्रके दोष (विशेषतः जिह्वादोष)लेना-हँसी रोक लेना । -मानना-मामूली या आसान | के कारण रुक-रुककर बोलना । काम या बात समझना। -में उड़ जाना,-में उड़ना हकलाहट-स्त्री० हकलानेका भाव; हकलानेका दोष । -किसी कामका मजाक या दिल्लगीमें टल जाना। -में। हकलाहा*-वि० हकला, हकलानेवाला। उड़ा देना,--में उड़ाना-किसी कामको दिल्लगीमें हकार-मु० [सं०] 'ह' की ध्वनि या 'ह' वर्ण। टाल देना। -में टालना-किसी बुरी बातको गंभीरता- हक्रारत-खी० [अ०] हलकापन, तुच्छता । मु०-की नज़र पूर्वक ग्रहण न करना, किसीकी बुरीहरकतपर गौर न कर | (निगाह)से देखना-तुच्छ समझना, हेय मानना। हँसकर सहन कर लेना। -में फूल झड़ना-किसीका | हकीकत-स्त्री० [अ०] वस्तुका स्वरूप; असलीयत, यथाहँसना (हँसनेकी क्रिया) अच्छा लगना,मधुर हसी हँसना । र्थता; सचाई, सच बात; हालत; हाल, वृत्तांता शब्दका -में ले जाना-किसी बातको मजाक बना देना। -में असली, अभिधेयार्थ में व्यवहार हैसियत, बिसात (उसकी ले लेना-किसी बातको गंभीरतापूर्वक ग्रहण न करना। क्या हकीकत है)। मु०-खुल जाना-सत्यका प्रकट हो -समझना-आसान बात या काम मानना; खयाल, | जाना। -में-दरअसल, सचमुच, वस्तुतः। परवाह न करना। -सूझना-हास्य, विनोद, मजाका हकीकतन-अ० [अ०] हकीकतमें, वस्तुतः। करनेकी प्रवृत्ति होना।
हकीक़ी-वि० [अ०] असली, सच्चा सगा (-भाई बहिन)। हँसुली-स्त्री० दे० 'हँसली'।
हकीम-पु० [अ०] शानी, बुद्धिमान् यूनानी चिकित्साहँसोड़-वि०विनोदप्रिय, विनोदी, दिल्लगीबाज।
शास्त्रका पंडित, तबीब । हसोर*-वि० दे० 'हँसोड़।
हकीमी-स्त्री० [अ०] हकीमका काम, पेशा; यूनानी हसोहाँ, हँसौहाँ*-वि० हास्ययुक्त; मजाकभरा, परि- चिकित्साशास्त्र । वि० हकीमका (-इलाज)। हासपूर्ण; हंसनेकी प्रकृतिवाला, जो स्वभावसे ही हँसने-हक्रक-पु० [अ०] 'हक'का बहुवचन । वाला हो।
हक्क-पु० [अ०] दे० 'हक'। -(क्के)नमक-पु० ह-पु० [सं०] शिव; जल; आकाश; स्वर्ग।
नमकका हक, किसीका नमक खानेसे उसके प्रति होनेहई-पु० हयी, आश्वारोही, घुड़सवार । स्त्री० आश्चर्य । वाला कर्तव्य ( हक अदा करना)। -मालिकाना-पु० हउँ*-अ० कि० दे० 'हो' । सर्व० दे० 'हो'।
मालिकका हक । हको-पु. आश्चर्य, शोक आदिके अवसरोंपर हृदयके हकाक-पु० [अ०] नग जड़नेवाला, नगीनासाजा मुहर सहसा धड़क उठनेकी क्रिया, धक । -दक-वि० चकित, खोदनेवाला। विस्मित। -बक-वि० हक्काबक्का।
हकाबका-वि० स्तंभित, घबड़ाया हुआ, भौचक, चकित । हल-पु० [अ०] सत्य, सचाई उचित पक्ष, ईश्वर, हक्कार-पु० [सं०] आह्वान, पुकार ।
खुदा; स्वत्व अधिकार; दावा फर्ज, कर्तव्य नेग; दस्तूरी हक्कारना*-स० क्रि० चुनौती देना, ललकारना । बदला, मुआवजा (नमकका हक)। वि. ठीक, दुरुस्त, हगना-अ० क्रि० शौच करना, पाखाना फिरना; (ला०) सही; न्याय्यः प्राप्य ।-असाइश-पु० पड़ोसीकी जमीन- | अत्यधिक मात्रामें देना (जैसे-आजकल उनका रोजगार पर रास्ता आदि पानेका अधिकार । -तलफ्री-स्त्री० इक रुपया हग रहा है); (ला०) धमकी या दबाबके कारण मारना; बेइंसाफी नुकसान । -ताला-पु० महिमाशाली विवश होकर किसीको कोई चीज दे देना (जैसे-लात ईश्वर, परमेश्वर । -दार-वि० हकवाला, अधिकारी । खानेपर वे चुरायी चीजें हग देंगे)। वि० हगनेवाला -नाहक-पु० हक और नाहक, न्याय-अन्याय, सत्य- अधिक हगनेवाला । मुहग मारना-मलका वेग सँभाल असत्य । अ० जबर्दस्ती; व्यर्थ ।-परस्त-वि० ईश्वरभक्त न सकनेके कारण तुरंत उसे त्याग देना; बहुत डर जाना; सच्चा; न्यायशील ।-मौरूसी-पु०आनुवंशिक अधिकार। कोई वस्तु बहुत गंदी कर देना। -रसी-स्त्री० न्याय पाना, न्याय मिलना। -शा- हगनेटी, हगनौटी-स्त्री०पाखाना जानेका स्थान,शौचालय । पु० दे० 'हक्कशुफ़ा'।-शुक्रा-पु०अपनी जायदादसे लगी हगाना-सक्रि० पाखाना फिराना । मुहगा मारनाहुई जायदादको दूसरोंसे पहले खरीदनेका हक । मु. बहुत थका देना परेशान करना। (किसी चीज़का)-अदा करना-फर्ज पूरा करना, हगास-स्त्री० हगनेकी आवश्यकताका अनुभव, पाखानेकी
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