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सुअ-सुख सुभ*-पु० पुत्र ।
सुकुमार-वि० दे० 'सुकुमार'। सुभटा*-पु० शुक, तोता।
सुकुड़ना-अ० क्रि० दे० 'सिकुड़ना' । सुअन*-पु० बेटा, पुत्र ।
सुकुति*-स्त्री० दे० 'शुक्ति'। *-पु० एक फूल, सोनजर्द ।
सुकुमार-वि० [सं०] कोमल; बहुत नाजुक । पु० सुंदर, सुअना*-पु. शुक, तोता। अ० क्रि० उत्पन्न होना, कोमलांग बालक या किशोर; काव्यका एक गुण । जनमना; उदय होना।
| सुकुमारता-स्त्री०, सुकुमारत्व-पु० [सं०] कोमलता, सुअर-पु० दे० 'सूअर'।-दंता-वि० जिसके दाँत सूअर- मृदुलता, नजाकत । केसे हों। पु० वह हाथी जिसके दाँत जमीनकी ओर झुके सुकुमारी-वि०, स्त्री० [सं०] कोमलांगी । स्त्री० कोमलांगी हुए हों।
बालिका; नवमल्लिका।। सुअबसर-पु० अच्छा अवसर, मौका ।
सुकुरना*-अ० क्रि० दे० 'सिकुड़ना'। सुआ-* पु० तोता, शुक; बड़ी सुई।
सुकुल-पु० [सं०] सदंश । वि० कुलीन; * शुक्छ। -ज,सुभाउ*-वि० बड़ी आयुवाला, दीर्घायु ।
| जन्मा(न्मन्)-वि० सद्वंशजात । सुआद*-पु० स्वाद ।
सुकुवाँर, सुकुवार-वि० दे० 'सुकुमार' । सुआन*-पु० दे० 'इवान'।
सुकूनत-स्त्री० [अ०] निवास, रहाइश । सुआमी*-पु० दे० 'स्वामी' ।
सुकूनती-वि० [अ०] रहनेका, रहाइशी (-मकान)। सुआर*-पु० दे० 'सूपकार'-'लागे परसन निपुन सुकृत-पु० [सं०] पुण्य, सत्कर्म; सौभाग्य । वि० शुभ, सुमारा'-रामा०।
| सुविहित; भाग्यवान्। ठीक तरहसे किया हुआ;सुनिर्मित । सुभारव*-वि० मधुर ध्वनि करनेवाला, सुरीला । सुकृति-स्त्री० [सं०] सत्कर्म, पुण्य । वि० धर्मात्मा । सुआसन-पु० सुंदर, बढ़िया आसन ।
सुकृती(तिन्)-वि० [सं०] धार्मिक, पुण्यवान्। भाग्यसुआसिन, सआसिनी*-स्त्री. सुहागिन स्त्री, पड़ोसिन । शाली; बुद्धिमान् । सुई-स्त्री० दे० 'सूई'।
सुकृत्-वि० [सं०] पुण्यवान् ,धार्मिक, सुकृती; बुद्धिमान सकंठ-वि० [सं०] अच्छे गलेवाला, सुरीला । पु० सुग्रीव । | विद्वान् भाग्यशाली । पु० कुशल कार्यकर्ता; त्वष्टा । सुकंदक-पु० [सं०] प्याज; वाराहीकंद ।।
सुकृत्य-पु० [सं०] सत्कर्म, पुण्य । सुक-पु०दे० शुक' ।-देव-पु०दे० 'शुकदेव' ।-नासा- सुकेशा-वि० स्त्री० [सं०] सुंदर बालोंवाली (स्त्री)। वि० जिसकी नाक तोतेकी ठोर जैसी नुकीली हो। सुकेशी-वि० स्त्री० [सं०] सुंदर केशवाली (स्त्री) स्त्री० एक सुकचाना*-अ० क्रि० दे० 'सकुचाना'।
अप्सरा; एक सुरांगना। सुकड़ना-अ० क्रि०प्तिमटना, ठिठुरना; शिकन पड़ना। | सुक्ख*-पु० दे० 'सुख'। सुकन्या-स्त्री० [सं०] च्यवन ऋषिकी पत्नी जो महाराज | सुक्ति-* वी० दे० 'शुक्ति'। पु० [सं०] एक पर्वत । शर्यातिकी कन्या थो; अच्छी कन्या ।
सुक्र*-पु० दे० 'शुक'। सुकर-वि० [सं०] जो आसानीसे किया जा सके, सरल, सुक्रित*-पु० दे० 'सुकृत' ।
जो आसानीसे काबूमें किया जा सके (घोड़ा, गाय)। । सुक्ल*-वि० दे० 'शुकु' । सुकरा-स्त्री० [सं०] सीधी गाय ।
सुक्षम*-वि० दे० 'सूक्ष्म' । सुकरात-पु० [अ०] प्रसिद्ध यूनानी दार्शनिक जो आफला- सुखंडी-स्त्री० बच्चोंको होनेवाला एक रोग, सूखा रोग । तून(प्लेटो)का गुरु था।
वि० दुबला, क्षीण। सुकराना*-पु० दे० 'शुक्राना।
सुखंद*-वि० सुख देनेवाला, सुखद । सुकरित* -वि० भला, अच्छा । पु० दे० 'सुकृत'। सुख-पु० [सं०] वह अनुभूति जो तन-मनको भाये, अनुसुकर्मा (मन्)-वि० [सं०] सत्कर्म करनेवाला, पुण्य- कूल हो; कामनाकी पूर्तिसे होनेवाला आनंद; आराम,
शाली; कर्मकुशल । पु० विश्वकर्मा, कुशल कारीगर । । आनंद; आमोद; चैन; अभ्युदयः कल्याण; सुविधा सुकर्मो(मिन)-वि० [सं०] अच्छा काम करनेवाला; अच्छे स्वर्ग: आरोग्य । वि० प्रसन्न; अनुकूल, प्रिया धार्मिक कर्मोंवाला, पुण्यात्मा, सदाचारी।
सरल; उपयुक्त । -आसन-पु० [हिं०] पालकी। सुकल्पित-वि० सं०] सुसज्जित, हथियारोंसे लैस । -कंद-वि० सुख देनेवाला। -कंदन*-वि० दे० सुकाना*-स० क्रि० दे० 'सुखाना'।
'सुखकंद'। -कंदर*-वि. जो सुखका धाम, सुखका सुकाल-पु० [सं०] अच्छा समय; वह वर्ष या काल जिसमें | आकर है। -कर-वि० आनंददायक; सुकर, सरल । अन्न खूब उपजा हो, सुभिक्ष ।
पु० राम । -करण-वि० सुखोत्पादक। -करन*सुकावना*-स० क्रि० दे० 'सुखाना'।
वि० दे० 'सुखकरण'। -कारक,-कारी(रिन),सुकिज*-पु० दे० 'सुकृत' ।
कृत-वि० सुखदायक । -ग-वि० सुखपूर्वक जानेसुकिया*-स्त्री० स्वकीया नायिका।
वाला । -ग्रान-वि. जो आसानीसे ग्रहण किया जा सुकीउ*-स्त्री० स्वकीया नायिका ।
सकेसुबोध । -जनक-वि० सुख देने, उपजानेवाला। सकीर्ति-स्त्री० [सं०] सुयश, नेकनामी। वि. अच्छी। -ढरन*-वि० सुखधाम । -तला-पु० [हिं०] चमड़ेकीर्तिवाला।
| का वह टुकड़ा जिसे जूतेके अंदर रखते हैं । -थर*-पु.
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