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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org ८१३ सपत्नी - स्त्री० [सं०] सौत | सपत्नीक - वि० [सं०] पत्नी के साथ | सपन - वि० [सं०] पंखदार | सपथ - स्त्री० दे० 'शपथ' । सपदि - अ० [सं०] शीघ्र, तत्काल, तुरंत । सपन* - पु० दे० 'स्वप्न' | सपना - पु० दे० 'स्वप्न' । मु० - होना - अप्राप्य होना । सपरदा, सपरदाई- पु० नाचनेवाली वेश्या के साथ साज बजानेवाला, साजिंदा, समाजी, भँडुआ । सपना - अ० क्रि० पार लगना, पूरा होना, हो सकना; तैयारी करना; + स्नान करना (बुंदेल०) । सपाट - वि० चौरस, समथर, जो ऊबड़-खाबड़ न हो । सपाटा पु० तेजी, झोंक; झपट; दौड़ । सपाद - वि० [सं०] चरण सहित; चतुर्थांश बढ़ाया हुआ । सपिंड - पु० [सं०] उन्हीं (समान) पितरोंको पिंड देनेवाला; छः पुश्त ऊपरसे छः पुश्त नीचेतकका संबंधी । सपिंडीकरण - पु० [सं०] श्राद्धविशेष जिसमें मृतकको पिंडदान द्वारा पितरोंके साथ मिलाते हैं, किसीको सपिंड होनेका अधिकार प्रदान करना । सपुलक - वि० [सं०] रोमांचयुक्त | सपूत - पु० अच्छा, कुलका नाम बढ़ानेवाला, पुत्र । सपूती - स्त्री० सपूत होनेका भाव; अच्छे पुत्रकी माता । सपेव - वि० सफेद, श्वेत । सपेती* - स्त्री० दे० 'सफ़ेदी' | सपराना स० क्रि० पूरा करना, खतम करना, पार लगाना; तैयारी कराना; + स्नान कराना । सप्तम - वि० [सं०] सातवाँ । सपरिकर - वि० [सं०] अनुचरोंके दलके साथ, दलबल के साथ । सप्तमी - स्त्री० [सं०] पक्षकी सातवीं तिथि; अधिकरण सपरिजन - वि० [सं०] दे० 'सपरिकर' । सपरिवार - वि० [सं०] परिवार के सदस्योंके साथ । सपरिवाह - वि० [सं०] उपटकर बहता हुआ; ऊपरतक भरा हुआ । सपरिश्रम कारावास - पु० [सं०] ( रिगरस इंप्रिज़नमेंट) वह कारावास जिसमें वंदीसे कठिन परिश्रमके काम कराये जायँ । सफेद - वि० [फा०] दे० 'सफेद' । सपेला, सपोला- पु० पोवा, साँपका छोटा बच्चा । सप्त (न्) - वि० [सं०] छः से एक अधिक । पु० सातकी संख्या । - ऋषि - पु० दे० 'सप्तर्षि' । -कोण-पु० सात रेखाओंसे घिरा हुआ क्षेत्र । -जिह्न - वि० सात जिह्वाओं वाला | पु०अग्नि । -ज्वाल - पु०अग्नि । - दश (न्) - वि० सत्तरह । - द्वीप - पु० पृथ्वी के सातों खंड । - धातु - वि० सात धातुओंवाला (शरीर) । स्त्री० शरीर के सात तत्त्वपित्त, रक्त, मांस, वसा, अस्थि मज्जा और शुक्र । - नाडिका - स्त्री० सिंघाड़ा। -पदी-स्त्री० विवाहकी एक विधि जिसमें अग्निकी सात बार परिक्रमा की जाती है; संधि पक्की करने के लिए अग्निकी सात बार परिक्रमा करना । - पर्ण, - पर्णक- वि० सात पत्तोंवाला | पु० छतिवन । पर्णी - स्त्री० लजालू; छतिवनका फूल; एक मिठाई । - पाताल - पु० सात अधोलोक - अतल, वितल, सुतल, रसातल, तलातल, महातल और पाताल |-पुत्री Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir सपत्नी - सफ़ा स्त्री० एक तरह की तुरई, सतपुतिया । -पुरी-स्त्री० सात पुरियाँ - अयोध्या, मथुरा, माया, काशी, कांची, अवंतिका और द्वारका - जो मोक्ष देनेवाली मानी जाती हैं । - प्रकृति - स्त्री० राज्य के सात अंग-राजा, मंत्री, मित्र, कोश, राष्ट्र, दुर्ग और सेना । - भुज-पु० ( हेप्टेगॉन ) सात भुजाओंवाली आकृति । -राशिक- पु० त्रैराशिक जैसी गणितकी एक क्रिया जिसमें सात राशियाँ होती हैं। - विध- वि० सात प्रकारका । -शती-स्त्री० सात सौका समूह; सात सौ पद्योंका संग्रह । - स्वर - पु० संगीतका सप्तक । - हय-पु० दे० सप्ताश्व' ( सूर्य ) । सप्तक - पु० [सं०] सातका संग्रह; संगीतके सात स्वरोंका समाहार । कारककी विभक्ति (व्या० ) । सप्तर्षि - पु० [सं०] सात ऋषियों-गौतम, भरद्वाज, विश्वामित्र, जमदग्नि, वसिष्ठ, कश्यप और अत्रि-का मंडल; सात ताराओंका एक मंडल । सप्तांशु वि० [सं०] सात किरणोंवाला | पु० अग्नि । सप्तार्चि ( स ) - वि० [सं०] सात शिखाओंवाला । पु० अग्नि ! सप्तार्णव- पु० [सं०] सातों समुद्र 1 सप्तालु - पु० [सं०] सफ्तालू, सतालू । सप्ताश्र - पु० [सं०] सप्तभुज क्षेत्र । सप्ताश्व - पु० [सं०] सूर्य (सात घोड़ोंवाले रथ के कारण ) । सप्ताह - पु० [सं०] सात दिनकी अवधि, हफ्ता । सप्रतिबंध स्वीकृति - स्त्री० [सं०] ( कंडीशनल या क्वालिफाइड एक्सेप्टेंस ) दे० 'विशेषित स्वीकृति' । सप्रमाण - वि० [सं०] प्रमाणयुक्तः प्रामाणिक, ठीक । सन - स्त्री० [अ०] पाँत, कतार; फर्श; चटाई । -दरवि० [अ०] सफोको तोड़नेवाला; वीर, योद्धा । सफतालू - पु० एक फल-वृक्ष, आडू । सफ़र-पु० [अ०] हिजरी सन्का दूसरा महीना जिसे मुसलमान स्त्रियाँ मनहूस समझती हैं; शहर से बाहर जाना; यात्रा; रवानगी, कूच । - खर्च पु० सफरका खर्च, मार्गव्यय । - नामा - पु० भ्रमणवृत्तांत । सफर मैना - पु० [अ० सेपर मैन] सेनाके वे कर्मचारी जो फौजके आगे जाकर खाई, रास्ता आदि तैयार करते हैं । सफरी-स्त्री० [सं०] एक तरहकी छोटी चमकीली मछली । सफ़री - वि० [अ०] सफरका ; यात्रा-संबंधी; यात्राके उपयुक्त । पु० मुसाफिर, यात्री; अमरूद - 'सफरी, सेब, छुहारे, पिस्ता जे तरबूजा नाम' - सू० । स्त्री० राहखर्च । सफल - वि० [सं०] फलयुक्तः फल उत्पन्न करनेवाला; कृतकार्य, कामयाब; सार्थक; अंडयुक्त, बधिया नहीं । सफलता - स्त्री० [सं०] कामयाबी; पूर्णता; सार्थकता । सफलित- वि० दे० 'सफलीभूत' । सफलीकरण - पु० [सं०] सफल करना; सिद्ध, पूर्ण करना । सफलीभूत-वि० [सं०] कामयाब; जो सिद्ध, पूर्ण हो । सनहा - पु० [अ०] पन्ने या वरकका एक पार्श्व, पृष्ठ | सफ़ा - स्त्री० [अ०] सफाई | वि० दे० 'साफ' । -चट For Private and Personal Use Only
SR No.020367
Book TitleGyan Shabdakosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGyanmandal Limited
PublisherGyanmandal Limited
Publication Year1957
Total Pages1016
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size28 MB
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