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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org शागिर्दाना - शामी विभागके ( मातहत) कर्मचारियोंकी समष्टि, अमला, नौकरचाकर; नौकर-चाकरके रहनेके मकान जो बँगलों आदि में एक किनारे या पास ही बना दिये जाते हैं । शागिर्दाना - वि० [फा०] शिष्योचित, शागिर्द की तरह । पु० गुरुदक्षिणा | शागिर्दी - स्त्री० शागिर्द होना, शिष्यता । मु० - करना - शागिर्द बनकर सीखना, शिष्य होना । शाज्ञ - वि० [अ०] दुर्लभ, कमयाब; अनोखा । शाटिका, शाटी - स्त्री० [सं०] साड़ी; वस्त्र । शाठ्य-पु० [सं०] शठता । शाण - पु० [सं०] सान, एक प्रकारका कृत्रिम पत्थर जिस पर रगड़कर हथियार, औजार आदिकी धार तेज की जाती है; सन (ण) का बना वस्त्र; कसौटी; चार माशेकी एक तौल; करपत्र, आरा । वि० सनका बना हुआ । शाक - पु० [सं०] सनका बना वस्त्र । शाणाजीव- पु० [सं०] शाणपर काम करके अपनी जीविका चलानेवाला व्यक्ति, इथियारों, औजारों आदिकी सफाई, उन्हें तेज करनेवाला व्यक्ति, अस्त्र मार्जक | शातोदरी - स्त्री० [सं०] क्षीण कटिवाली औरत । शात्रव - पु० [सं०] शत्रुता, दुश्मनी, शत्रु-समूह, दुश्मनोंका गिरोह । वि० शत्रु-संबंधी । शादियाना - पु० [फा०] ब्याह में बजायी जानेवाली नौबत, खुशीका बाजा ( बजाना); ब्याह या खुशीके मौकोंपर गाया जानेवाला गीत (गाना); बधावा; किसानों द्वारा शादी के अवसर पर जमींदारको दी जानेवाली रकम । शादी - स्त्री० [फा०] खुशी; इर्षोत्सव; विवाह | शाइल - वि० [सं०] नयी, हरी घाससे युक्त हरा । पु० घास का मैदान, हरित भूमि, गोचारणभूमि; मरुद्वीप (ओएसिस ) । शान - पु० [सं०] शाण; निकष, कसौटी। स्त्री० [फा०] गौरव, बड़प्पन; दबदवा; ताकत; कुदरत (खुदाकी शान); प्रतिष्ठा (शान घटना); ठाट; ठसक, आन, अंदाज; रूप, शकल; अवसर । - गुमान - पु० दे० ' सानगुमान' ।-दार वि० शानवाला, भड़कीला, भव्य, सुंदर । - -शौकतस्त्री०ठाट-बाट । मु० - बरसना - गौरव, दबदबा प्रकट होना । - मेँ बट्टा लगना-प्रतिष्ठा घटना, हेठी होना । शाप - पु० [सं०] 'अमुकका बुरा हो' ऐसी बुरी भावना व्यक्त करना, आक्रोश, बददुआ; जली-कटी सुनाना । Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ७७३ - ग्रस्त - वि० अभिशप्त । - निवृत्ति, मुक्ति - स्त्री० शाप से छुटकारा । -मुक्त-वि० अभिशप्त होकर बादमें जो किसी कारणवश उससे मुक्त हो गया हो । शापना * - स० क्रि० शाप देना । शापांत-पु० [सं०] शापकी समाप्ति । शाप - पु० [सं०] वह जल जिसे हाथमें लेकर शाप दिया जाय, शापोदक | शाणि - स्त्री० [सं०] पट्टवृक्ष, पटुआ । शाणित- वि० [सं०] जो तेज या तीक्ष्ण किया गया हो, शाबरी-स्त्री० [सं०] शबर जातिकी भाषा । सान रखा हुआ; कसौटीपर कसा हुआ । शाणी - स्त्री० [सं०] सनके रेशोंसे बना वस्त्र, टाट; तंबू छिद्रमय वस्त्र, फटी पोशाक; उपनयन संस्कार के अवसर पर ब्रह्मचारीको पहननेके लिए दिया जानेवाला सनका बना वस्त्र; सान; कसौटी । शाणोपल - पु० [सं०] सान धरनेका पत्थर । शात - वि० [सं०] निशित, तेज किया हुआ; पतला; दुबला, कमजोर; पतित; सुंदर; सुखी; दीप्तिशाली । शातिर - वि० [अ०] चालाक, काइयाँ; चोर, गठकतरा; पक्का चोर; शतरंज खेलनेवाला । शापावसान- पु० [सं०] दे० 'शापांत' | शापित - वि० [सं०] जिसे शाप दिया गया हो, अभिशप्त; जिसे शपथ दिलायी गयी हो । - शापोद्धार - पु० [सं०] शापसे छूटना, शाप-मोक्ष, शापमुक्ति । शाफरिक - पु० [सं०] मछली मारनेवाला व्यक्ति, मछुआ । शाना - पु० [फा०] रुई की बत्ती जो दवायें भिगोकर जख्मके अंदर रखी जाय; आँखके ऊपर रखा जानेवाला रुईका फाया; पाखाना लाने के लिए प्रयुक्त साबुनको बत्ती । शाबर - वि० [सं०] शबर-संबंधी, जंगली, क्रूर । पु० अपराध, गलती; पाप; दुष्टता, बदमाशी; शबर मृगका चमड़ा; ताँबा; अँधेरा । शाबल्य - पु० [सं०] शबलता, कई रंगों या वस्तुओंका मेल । शाबाश - अ० [फा० शाहबाश' - 'खुश रहो' का लघु रूप ] खुश रहो; वाहवा; साधु-साधु । शाबाशी - स्त्री० [फा०] सराहना, साधुवाद | शाब्द - वि० [सं०] शब्द-संबंधी; शब्दमय; शब्दपर ही आश्रित ('आर्थ' का उलटा ) ; शब्दाडंबर से युक्त (व्याख्यान, शैली); मौखिक । - व्यंजना- स्त्री० वाक्य में प्रयुक्त शब्दविशेषके आधारपर हुई व्यंजना (सा० ) । शाब्दिक - वि० [सं०] शब्द संबंधी; एक-एक शब्दके विचारसे ठीक (अनुवाद, लिटरल) । शाम - स्त्री० [फा०] सूर्यास्तका समय, संध्या; (ला० ) अंतकाल (शामे जवानी, शामे जिंदगी) । पु० सीरिया नामक देश । मु० - का फूलना - सूर्यास्तकाल में पश्चिमी क्षितिजपर लालीका छिटकना । - की सुबह करना - सारी रात जागकर बिताना, सवेरा कर देना । - सुबह करना या लगानाटालमटोल करना । For Private and Personal Use Only शामत - स्त्री० [अ०] दुर्भाग्य, कमबख्ती; मुसीबत । मु०आना - बुरे दिन आना, दुदैवकी प्रेरणा होना, कमबख्ती आना । - का मारा - जिसकी शामत आयी हो, अभागा, दुर्दशाग्रस्त । - की मार - दुर्भाग्य, कमबख्ती । (किसीपर ) - सवार होना - दे० 'शामत आना' । शामती - वि० शामतका मारा, अभागा । शामियाना- पु० [फा०] बड़ा और साधारणतः चारों ओर खुला हुआ तंबू | शामिल वि० [अ०] मिला हुआ; इकट्ठा। - मिसिलवि० मुकदमे के कागजात के साथ नत्थी किया हुआ । शामिलात- स्त्री० साझेकी जायदाद, अनेक हिस्सेदारोंकी संयुक्त संपत्ति; हिस्सेदारी (यह महाल शामिलात हैं) । शामिलाती - वि० संयुक्त । शामी - वि० शाम देश-संबंधी या शाम देशका | पु० छड़ी
SR No.020367
Book TitleGyan Shabdakosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGyanmandal Limited
PublisherGyanmandal Limited
Publication Year1957
Total Pages1016
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size28 MB
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