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भसंयुक्त-असहयोग वशमें न रखना; विलासिता।
असमंजस-पु० [सं०] दुविधा, कठिनाई; अनौचित्य संयक्त-वि० [सं०] बिलग, न जुड़ा हुआ, जुदा। __ अंतर सगरका ज्येष्ठ पुत्र ( जस्), अंशुमान्का पिता। संयोग-पु० [सं०] योग या मेल न होना । वि० जिसके असमंत*-पु० चूल्हा ।। साथ संपर्क निषिद्ध हो।
असम-वि० [सं०] जो बराबर न हो; असहश; बेजोड़ असंशय-पु० [सं०] संशयका अभाव, संदेहका न होना विषम, ताक; ऊँचा-नीचा, नाहमवार । पु० अर्थालंकार वि० संशयशून्य, शंकारहित ।
जिसमें उपमानका मिलना असंभव दिखलाया जाय; बुद्ध । असंश्लिष्ट-वि० [सं०] असंयुक्त । पु० शिव ।
-नयन, नेत्र,-लोचन-पु० तीन आँखोंवाले शिव । असंसक्ति-स्त्री० [सं०] अनासक्ति,विरक्ति संबंधका अभाव। -बाण-पु० कामदेव । -वृत्त-पु. वह वर्णवृत्त जिसके असंसारी (रिन)-वि० [सं०] जिसका संसारसे कोई सब चरणोंमें समान गण न हों, विषमवृत्त । -शरसंबंध न हो, विरक्त।
पु० कामदेव, पंचशर । असंस्कृत-वि० [सं०] संस्कारहीन, जिसका कोई संस्कारन | असमत-स्त्री० [अ०] पवित्रता, निष्पापता; सतीत्व । हुआ हो, जो सँवारा-सुधारा न गया हो; असभ्य । -फरोशी-स्त्री. सतीत्वविक्रय, व्यभिचार । अस*-वि० ऐसा, जैसा, समान, तुल्य ।
असमय-पु० [सं०] समयका उलटा; अयोग्य काल; असकताना-अ० क्रि० आलस्य अनुभव करना ।
कुसमय । अ० बेवक्त, बेमौके । असक्त-वि० [सं०] आसक्तिरहित; बे-लगाव; उदासीन असमयोचित-वि० [सं०] (इनएक्स्पीडिएंट) जो समय*अशक्त, दुर्बल।
विशेष या स्थिति-विशेषको देखते हुए उचित न हो। असगंध-पु० एक पौधा जिसकी जड़ दवाके काम आती | असमर्थ-वि० [सं०] अशक्त, अपेक्षित शक्ति या योग्यता है, अश्वगंधा।
न रखनेवाला; अभीष्ट अर्थ व्यक्त न कर सकनेवाला असगुन-पु० अपशकुन ।
असमर्थता-निवृत्तिवेतन-पु० [सं०] (इनवैलिडिटी पेंशन) असगोत्र-वि० [सं०] भिन्न गोत्र या कुलका।
रोग, दुर्घटना आदिके कारण किसी कर्मचारीके कामकरने में असनन-वि० [सं०) जो भला आदमी न हो। पु० स्थायी रूपसे असमर्थ हो जानेपर उसे भरण-पोषणके लिए बुरा, दुष्ट आदमी।
मिलनेवाली वृत्ति । असती-वि० स्त्री० [सं०] अपतिव्रता, पुंश्चली।
असमान-वि० [सं०] जो बराबर न हो, असदृश । * पु० असतू-वि० [सं०] अविद्यमान, जिसका अस्तित्व न हो, आसमान, आकाश। मिथ्या बुरा; अनुचित । पु० अनस्तित्व; अहित मिथ्यात्व। असमाप्त-वि० [सं०] अपूर्ण, नातमाम, अधूरा । -कार्य-पु० बुरा पेशा या काम ।
असमेध*-पु० दे० 'अश्वमेध'। असत्कार-पु० [सं०] अनादर,आवभगत नहोना; अहित। असम्मत-वि० [सं०] मतभेद रखनेवाला, विरुद्ध अनाहत;
पत्ता-स्त्री० [सं० सत्ताका अभाव, नेस्ती असाधता। अस्वीकृत, नामंजुर । पु० शत्रु, विरोधी। असत्त्व-वि० [सं०] अशक्त, निर्बल; सत्त्वगुणरहित । पु० असम्मति-स्त्री० [सं०] मतभेद; अस्वीकृति; विकर्षण । असत्ता; असाधुता ।
असम्मान-पु० [सं०] निरादर । असत्य-वि० [सं०] झूठ, मिथ्या, गलत । पु० झुठाई; असयाना*-वि० अचतुर, सीधा, भोला। झूठ बोलनेवाला व्यक्ति। -वाद-पु० झूठ बोलना। असर-पु० [अ०] खोज; पदचिह्न खंडहर, छाप, प्रभाव; -वादी (दिन्)-वि० झूठ बोलनेवाला ।-शील-वि० गुण; दबाव; फल; दे० 'अस्र'। जिसकी झूठ बोलनेकी ओर प्रवृत्ति हो
असरार*-अ० लगातार । असत्यता-स्त्री० [सं०] झुठाई ।
असल-वि० [अ०] दे० 'अस्ल' । पु० एक झाड़ जिसकी असदृश-वि० [सं०] असमान; अयोग्य, अनुचित । छालसे चमड़ा सिझाते है। असद्भाव-पु० [सं०] अस्तित्वका अभाव, अनुपस्थिति;बुरी असलियत-स्त्री० [अ० असल बात, वास्तविकता; जड़, भावना; बुरा स्वभाव ।
मूल तत्त्व। असन*-पु० भोजन ।
असली-वि० सच्चा, शुद्ध; खालिस । असनान*-पु० स्नान, नहाना ।
असलेउ*-वि० दे० 'असह्य' । असन्नद्ध-वि० [सं०] जो हथियार न बाँधे हो या तैयार न असवर्ण-वि० [सं०] भिन्न वर्ण या जातिका । हो; घमंडी।
असवारी-पु० दे० 'सवार' । असपिंड-वि० [सं०] जो अपने कुलका या कुलमें सात असवारी -स्त्री० दे० 'सवारी'। पीढ़ियोंके अंदर न हो।
असह-वि० [सं०] असहिष्णु, न सहनेवाला; अधीर । असफल-वि० [सं०] विफल, नाकामयाब ।
असहकार-पु० [सं०] दे० 'असहयोग'। असफलता-स्त्री॰ [सं०] विफलता ।
असहन-वि० [सं०] असहिष्णु; ईर्ष्यालु । -शील-वि० असबाब-पु० [अ०] (सबबका बहुवचन) कारण; आवश्यक असहिष्णु, चिड़चिड़ा, क्रोधी। सामग्री; धीज, वस्तु; मुसाफिरके साथका सामान । असहनीय, असहितव्य-वि० [सं०] दे० 'असह्य'। असभ्य-वि० [सं०] सभाके अयोग्य, अशिष्ट; गँवार, सामा- असहयोग-पु० [सं०] सहयोगका अभाव या उलटामिलजिक व्यवस्थामें पिछड़ा हुआ; जंगली ।
कर या साथ काम न करना; सरकारसे या शासनकार्य में
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