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विगद-विचेष्ट विगद-वि० [सं०] रोगरहित, नीरोग ।
स्थान या प्रतिज्ञासे डिगा हुआ; घबराया हुआ। विगर्हणीय-वि० [सं०] निंदनीय; दुष्ट ।
विचार-पु० [सं०] निर्णय तत्त्व-निर्णय: तत्व-परीक्षा विगहित-वि० [सं०] निंदिता कुत्सित, बुरा; निषिद्ध । किसी विषयपर गंभीरताके साथ सोचना; कार्य-विधि विगलन-पु० [सं०] नाश; पिघलना; गलना; रिसना स्थान परिवर्तन; संदेह; हिचक; वाद-विवाद, चुनाव
बह जाना; गायब होना; घुल जाना; शिथिल होना। विशता अभियोग आदिका निर्णय । -कर्ता(त)-पु० विगलित-वि० [सं०] बहा हुआ; पिघला हुआ; टपककर, सोचने विचारनेवाला; अभियोगका निर्णय करनेवाला,
रिसकर निकला हुआ; ढीला पड़ा हुआ, शिथिल । न्यायाधीश । -ज्ञ-वि० विचार करनेमें कुशल, प्रवीण । विगुण-वि० [सं०] निर्गुण; बुरा; जिसमें डोरी न हो। पु० न्यायाधीश, जज 1-धारा-स्त्री० (आइडिऑलॉजी) विग्रह-पु० [सं०] अलगाना; फैलाना; विस्तार विभाग किसी जाति या संप्रदाय-विशेषकी विचारशैली; किसी पार्थक्य; समस्त पदके खंडोंको अलग करना (न्या०); राजनीतिक या आर्थिक सिद्धांत-परंपराके मूल में रहनेकलह युद्ध; शरीर रूप; फूट पैदा करना; खंड, भाग। । वाली विचारसरणी। -पति-पु० मुकदमेका फैसला विघटन-पु० [सं०] अलग करना; तोड़ना; छिन्न-भिन्न करनेवाला, जज । -मूढ़-वि० जिसे सोचने-समझनेकी करना; नाश, बरबादी।
शक्ति न हो। -शक्ति-स्त्री० विचार करनेकी शक्ति । विघटिका-स्त्री० [सं०] समयका एक लघु मान ।
-शास्त्र-पु० मीमांसा शास्त्र । -शील-पु० सोचविघटित-वि० [सं०] तोड़ा, पृथक् किया हुआ विभक्त । विचार करनेकी शक्तिवाला।-शीलता-स्त्री० बुद्धिमानी, नष्ट किया हुआ।
समझदारी। -सरणी-स्त्री० विचार करनेकी पद्धति । विघन-पु० दे० 'विघ्न' ।
-स्थल-पु० किसी विषयपर विचारका स्थान; न्यायाविधात-पु० [सं०] चोट, आघात; टुकड़े-टुकड़े करना | लय, अदालत; तर्क । -स्वातंत्र्य-पु० विचार प्रकट निवारण रोका तोड़ना-फोड़ना; नाश; हत्या; ब्याकुलता।
काडनात नाशा हत्या: व्याकुलता। करनेकी स्वतंत्रता । विधाती(तिन्)-वि० [सं०] हत्याकारी; चोट पहुँचाने-विचारक-पु० [सं०] विचार करनेवाला, दार्शनिक आदि वाला विरोध करनेवाला, बाधक ।
जज, न्यायाधीश नेता, पथप्रदर्शक; गुप्तचर । विघूर्णन-पु० [सं०] धुमाना, चक्कर देना।
विचारणीय-वि० [सं०] विचार करने योग्य; चित्य विर्णित-वि० [सं०] घुमाया या चक्कर दिलाया हुआ। | संदिग्ध । विघोषण-पु० [सं०] ऊँची आवाजमें घोषित करनेकी विचारना-स० क्रि० गौर करना; खोज करना, हँढ़ना। क्रिया, चिल्लाना।
विचारवान(वत्)-वि० [सं०] विचारशील, सोचनेविघ्न-पु० [सं०] बाधा, अड़चन, कठिनाई; विरोध । विचारनेवाला ।
-कर-कर्ता(त),-कृत्-वि० बाधा उपस्थित करने-विचाराध्यक्ष-पु० [सं०] प्रधान विचारक, जज । वाला। -कारी(रिन्)-वि० दे० 'विघ्नक'; देखनेमें | विचारालय-पु० [सं०] न्यायालय ।
भयानक । -जित्,-नाशक,-हरण-पु० गणेश । विचारित-वि० [सं०] विचार किया हुआ, सोचा-समझा विध्नक-वि० [सं०] अड़चन, बाधा डालनेवाला। हुआ; विचाराधीन । विघ्नांतक-पु० [सं०] गणेश ।
विचारी(रिन)-वि० [सं०] विचरण करनेवाला; विचार विघ्नेश-पु० [सं०] गणेश । -कांता-स्त्री० सफेद दूब । करनेवाला। -वाहन-पु० चूहा ।
विचार्य-वि० [सं०] विचार-योग्य, विचारणीयः संदिग्ध । विचकित-वि० [सं०] घबराया हुआ, भौचक । विचिकित्सा-स्त्री० [सं०] संदेह; अनिश्चयः भूल । विचक्षण-वि० [सं०] विद्वान् ,दूरदशी,चतुर पारंगत; दक्ष । विचित्त-वि० [सं०] अचेत; कर्तव्यविमूढ़ । विचच्छन-वि० दे० "विचक्षण' ।
विचित्ति-स्त्री० [सं०] विभ्रम चित्त ठिकाने न रहना। विचय, विचयन-पु० [सं०] इकट्ठा करना परीक्षा करना; विचित्र-वि० [सं०] कई प्रकारके रंगों, वर्णीवाला; असासिलसिलेवार, तरतीबसे रखना; तलाश करना।
धारणा विस्मित करनेवाला; सुंदर; मनोरंजक चित्रित विचरण-पु० [सं०] घूमना-फिरना, भ्रमण करना,पर्यटन। रँगा हुआ। पु. एक अर्थालंकार (इसमें फलसिद्धिके लिए विचरन*-पु० दे० 'विचरण' ।
उलटा प्रयत्न दिखाया जाता हैं)। -वीर्य-पु. शांतनुविचरना-अ० क्रि० इतस्ततः घूमना।
सत्यवतीके द्वितीय पुत्र (ये निःसंतान मरे । द्वैपायनने विचरनि*-स्त्री० दे० 'विचरण' ।
इनकी पलियोंसे नियोग द्वारा धृतराष्ट्र और पांडुको पैदा विचर्चिका-स्त्री० [सं०] खुजली नामक रोग ।
किया था)। विचल-वि० [सं०] निरंतर घूमने या हिलनेवाला; विचित्रता-स्त्री० [सं०] रंगवैभिन्न्य; अनोखापन ।
अस्थिर; स्थानसे हटा हुआ; प्रण, प्रतिशासे हटा हुआ। विचित्रांग-पु० [सं०] मयूर व्याघ्र । विचलना*-अ०क्रि० स्थानभ्रष्ट होना प्रतिज्ञासे डिगना विचंबित-वि० [सं०] विशेष रूपसे चूमा हुआ; स्पर्श विचलित होना।
किया हुआ। विचलाना*-स० क्रि० विचलित करना, घबड़ाहटमें | विचूर्णित-वि० [सं०] अच्छी तरह पीसा हुआ। डालना।
विचेतन-वि० [सं०] संज्ञाहीन, अचेत; मूर्ख, विवेकरहित । विचलित-वि० [सं०] अस्थिर, चंचल; डगमगाया हुआ; विचेष्ट-वि० [सं०] निश्चेष्ट, चेष्टाहीन; गतिहीन, अचल ।
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