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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ३१७ मती-मद्य मती-स्त्री० दे० 'मति' । अ० दे० 'मत'। जिसकी आँखें नशेसे बंद सी हो रही हों। मतीर, मतीरा-पु० तरबूज । मदक-स्त्री० अफीमके सत्त और पानके योगसे बननेवाला मतेई*-स्त्री० सौतेली माँ। एक नशीला पदार्थ जिसे तंबाकूकी तरह पीते हैं।-चीमतैक्य-पु० [सं०] किसी विषयपर सब या कुछ लोगोंकी वि० मदक पीनेवाला। एक ही राय होना, ऐकमत्य । मदद-स्त्री० [अ०] सहायता; कुमक ।-गार-वि० सहायक । म कुण-पु० [सं०] खटमल; मकुना हाथी। मदन-पु० [सं०] कामदेव काम; प्रेम, वसंतकाल; भ्रमर मत्त-वि० [सं०] मतवाला, मस्त; उन्मत्त; घमंडी। खंजन । -कंटक-पु० सात्त्विक अनुराग-जनित रोमांच । मत्तता-स्त्री० [सं०] मस्ती, मतवालापन । -कदन-पु०शिव ।-कलह-पु०प्रेमकलह ।-गोपालमत्तताई*-स्त्री० दे० 'मत्तता'। पु० कृष्ण । -दमन-पु० शिव । -दहन-पु० कामको मत्था-पु० माथा, ललाट सिर; सामनेका या ऊपरका जला देनेवाले, शिव । -दिवस-पु. मदनोत्सव । हिस्सा । मु०-टेकना-नमस्कार करना, वंदना करना। -पक्षी (क्षिन्)-पु० खंजन । -फल-पु० मैनफल । मत्थे-अ० माथेपर, सिरपर; के ऊपर । -मस्त-पु० [हिं०] चंपेकी जातिका एक तीब्र गंधवाला मत्सर-पु० [सं०] डाह, जलन; क्रोध, द्वेष । पुष्पवृक्ष । -महोत्सव-पु० आधुनिक होलीसे मिलतामत्सरी (रिन्)-वि० [सं०] मत्सरयुक्त, जलनेवाला; द्वेषी। जुलता एक प्राचीन उत्सव जो चैत्र-शुक्ला द्वादशीसे मत्स्य-पु० [सं०] मछली; विराट् देश; मत्स्य नरेश । चतुर्दशीतक होता था; होली। -मोहन-पु० कृष्ण । -गंधा-स्त्री. व्यासकी माता सत्यवती। -घाती- -रिपु-पु.शिव । (तिन्)-पु० मछुआ।-जीवी(विन्)-पु० मछुआ। मदनांतक-पु० [सं०] शिव । -देश-पु० विराट् देश ।-वेधनी-स्त्री० बंसी, कँटिया। मदनातुर-वि० [सं०] कामातुर । मत्स्यावतार-पु० [सं०] विष्णुके दस अवतारोंमेंसे पहला। मदनारि-पु० [सं०] शिव । मत्स्येंद्रनाथ-पु० [सं०] मध्यकालके एक प्रसिद्ध हठयोगी मदनोत्सव-पु० [सं०] मदन-महोत्सव होली। जो गोरखनाथके गुरु थे। मदनोद्यान-पु० [सं०] प्रमोदवन । मत्स्योपजीवी(विन)-पु० [सं०] मछुआ। मदर*-पु० चढ़ाई, हमला । मथन-पु० [सं०] मथनेकी क्रिया या भाव, विलोडन:वध । मदरसा-पु० [अ०] पढ़ानेकी जगह, पाठशाला । मथना-स० क्रि० आलोडन करना, दूध, दहीको मथानी मदहोश-वि० मतवाला; हैरान; भीरु बेहोश । आदिसे बिलोना; किसी बातको बार-बार सोचना, बिचा-मदांध-वि० [सं०] जो मस्ती या बल आदिके गवसे अंधा रना; छान डालना; दलन करना । * पु० मथानी। हो रहा हो। मथनिया-स्त्री० दे० 'मथानी'। मदानि*-वि० स्त्री कल्याणकारिणी। मथनी-स्त्री० दही मथनेका मटका; मथनेकी क्रिया; मदार-पु० आक । [सं०] मस्त हाथी; सूअर, कामुक । मथानी। मदारिया, मदारी-पु० बाजीगर, बंदर भालू नचानेवाला। मथवाह-पु० हाथीवान, महावत; मस्तक-पीड़ा-“जनु मदालु-वि० [सं०] जिससे मद झरता हो; मस्त । मथवाह रहे सिर लागे'-१०। मदिर-वि० [सं०] नशा, मस्ती पैदा करनेवाला; मदभरा । मथानी-स्त्री० दूध, दही मथनेका डंडा जिसके एक सिरेपर | मदिरा-स्त्री० [सं०] मद्य, शराब । कटावदार खोरिया लगी होती है। मदिराक्षी-वि० स्त्री० [सं०] मस्त, मदभरी आँखोंवाली। मथित-वि० [सं०] मथा हुआ, पीडित दलित । मदिरालय-पु० [सं०] शराबखाना । मथी(थिन)-पु० [सं०] मथानी । मदीय-वि० [सं०] मेरा। मथुरिया-वि० मथुराका। मदीला*-वि० नशेमें चूर, मत्तनशा लानेवाला। मथूल*-पु० मस्तूल (रत्नाकर)। मदोन्मत्त-वि० [सं०] मतवाला; मदांध । मध्य-पु० दे० 'माथा'। मदोवै*-स्त्री० मंदोदरी । मद-स्त्री० [अ०] दे० 'मद्द' । * वि० मत्त । पु० * दे० मह-स्त्री० [अ०] आड़ी लकीर जिसे खींचकर नीचे लेखा 'मद्य' । [सं०] मद्यके सेवनसे मनमें होनेवाला विकार, या लेख लिखना आरंभ करते हैं; लेखकी समाप्ति पर नशा; मस्ती; मस्त हाथीकी कनपटीसे झरनेवाला जल; खींची जानेवाली लकीर; शीर्षक; विभाग खाता; खाना। उन्माद, हर्ष गर्व । -कर-वि० नशा पैदा करनेवाला। (मह) नज़र-वि० जो निगाहके सामने हो; उद्दिष्ट, -कल-वि० मस्त, मदोन्मत्त, धीरे-धीरे, अस्पष्ट | लक्ष्यः । -फ्राजिल-स्त्री० बेकार मद्द, बेकार चीज । बोलनेवाला; मस्तीमें भूला हुआ; बावला। -गंध*- | महत*-स्त्री० दे० 'मदद। पु० छितवन, मद्य ।-गल-वि० दे० 'मदकल' ।-नी कल' ।-नी- महा-वि० दे० 'मंदा'। स्त्री० पोय, पूतिका। -जल-पु० मस्त हाथीकी कनपटी- मद्धिम-वि० मध्यम कम अच्छा; मंदा । से झरनेवाला जल, दान । -ज्वर-पु० कामज्वरः बल मद्धे-अ० बीचमें; मद, खातेमें, हिसाबमें । आदिका मद, नशा। -मत्त-वि० मस्त, मतवाला, मद्य-पु० [सं०] महुए आदिकी पाँससे खींचा हुआ मादक मदोन्मत्त । -माता-वि० [हिं०] मस्त, मदमत्त कामुक। अर्क, सुरा, शराब । -प-वि० मद्य पीनेवाला, शराबी । [स्त्री 'मदमाती' ।]-मुकुलिताक्षी-स्त्री० वह स्त्री -पान-पु० शराब पीना । -पायी(यिन्)-वि० For Private and Personal Use Only
SR No.020367
Book TitleGyan Shabdakosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGyanmandal Limited
PublisherGyanmandal Limited
Publication Year1957
Total Pages1016
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size28 MB
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