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पूर्वाभिषेक
अ० पुरबकी ओर ।
पूर्वाभिषेक - पु० [सं०] पहलेका स्नान; एक मंत्र । पूर्वाभ्यास - पु० [सं०] पहले किया हुआ अभ्यास; पहलेका
अभ्यास ।
पूर्वार्जित - वि० [सं०] पहलेका उपार्जन किया हुआ । पूर्वार्द्ध, पूर्वार्ध - पु० [सं०] दो बराबर भागों में से पहला भाग, उत्तरार्द्धका उलटा ।
पूर्वावधानता - स्त्री० [सं०] ( प्रीकाशन ) अनिष्ट या हानिकर परिणामकी संभावनाका खयाल कर पहलेसे सावधान हो जानेकी क्रिया ।
पूर्वाषाढ़ा - स्त्री० [सं०] सत्ताईस नक्षत्रों में से बीसवाँ नक्षत्र । पूर्वाह्न - पु० [सं०] दिन के पहले दो प्रहर । पूर्वाह्निक- वि० [सं०] पूर्वाल-संबंधी । पु० दिनके पहले भागमें किया जानेवाला कृत्य ।
पूर्वी - वि० पूरबका, पूरबी । पूर्वेतर - वि० [सं०] पश्चिमी । पूर्वोक्त-वि० [सं०] जिसका कथन पहले हो चुका हो, पहले कहा हुआ ।
पूर्वोत्तर - वि० [सं०] उत्तरी - पूरबी । पूर्वोदाहरण- पु० [सं०] ( प्रेजीडेंट ) पहलेकी कोई घटना या मामला जो बादकी वैसी ही घटनाओंके लिए उदाहरण या नजीरका काम दे; किसी न्यायालयका वह अभिनिर्णय या कार्यविधि जो आदर्श या नजीरका काम दे; मजीर । पूर्वोपाय- पु० [सं०] ( प्रीकाशन ) अनिष्ट या हानिकी संभावना रोकने के लिए पहलेसे किया गया उपाय । पूल, पूलक - पु० [सं०] तृण आदिका ढेर, पूला । पूला- पु० तृण आदिका बँधा हुआ मुट्ठा । पूलिका - स्त्री० [सं०] एक प्रकारकी मीठी पूरी । पूली - स्त्री० छोटा पूला ।
धूषण, पूषन* - पु० सूर्य ।
पूस - पु० पौष मास ।
पृच्छक - पु० [सं०] पूछनेवाला, जिज्ञासु ।
पृथकू - अ० [सं०] अलग, जुदा, बिना, भिन्न । -करणपु०, - क्रिया - स्त्री० अलग करनेका काम; विश्लेषण | - शय्या - स्त्री० अलग सोना । -शायी (यिन् ) - वि० अकेले या अलग सोनेवाला ।
पृथक्ता - स्त्री०, पृथक्त्व-पु० [सं०] पृथक् होनेका भाव, भिन्नता, अलहदगी; चौबीस गुणोंमेंसे एक ( वैशेषिक ) । - कूतावादी नीति - स्त्री ( आइसोलेशनिज्म ) ( द्वितीय महायुद्ध के पूर्व ) अमेरिकाके कतिपय राजनीतिज्ञों तथा राजनेताओं का यह मत कि अमेरिकाको यूरोपीय झगड़ोंसे पृथक् रहना चाहिये ।
पृथग्रूप - वि० [सं०] अनेक रूपोंवाला, नाना प्रकारका । पृथग्वासन नीति- स्त्री० [सं०] ( एपारथाइड पालिसी) कुछ लोगोंको अन्य लोगोंसे- दक्षिण अफ्रीका में भारतीयोंको यूरोपियनों से पृथक बसानेकी नीति । पृथवी - स्त्री० [सं०] दे० 'पृथ्वी' ।
पृथा - स्त्री० [सं०] पांडुपली कुंती । - तनय, - सुत - पु० युधिष्ठिर, अर्जुन, भीम (विशेषतः अर्जुन) । पृथिका - स्त्री० [सं०] गोजर ।
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पृथिवी - स्त्री० [सं०] दे० 'पृथ्वी' । - कंप-पु० भूडोल । - तल-पु० पृथ्वी की सतह, धरातल । -नाथ, - पतिपु० राजा ।
पृथी* - स्त्री० दे० 'पृथ्वी' । - नाथ- पु० राजा । पृथु - वि० [सं०] चौड़ा; मोटा; महान्, विशाल; प्रभूत, बहुसंख्यक; चतुर; विशिष्ट । पु० अग्नि; शिव; विष्णु; वेणुके पुत्र जो प्रथम राजा माने जाते हैं (इन्होंने ही गोरूपधारिणी पृथ्वी से औषधियोंका दोहन किया था ) । -ग्रीव - वि० मोटे गलेवाला ।
पृथुल - वि० [सं०] स्थूल, मोटा, विस्तीर्ण, विशाल | -लोचन - वि० बड़ी आँखोंवाला । - वक्षा (क्षस् ) - वि० जिसका सीना चौड़ा हो। विक्रम - वि० बहुत वीर, पराक्रमी । पृथुलाक्ष - वि० [सं०] बड़ी आँखोंवाला । पृथूदर - वि० [सं०] बड़े पेटवाला । पु० मेढ़ा । पृथ्वींद्र - पु० [सं०] राजा ।
पृथ्वी - स्त्री० [सं०] सौरमंडलका वह प्रसिद्ध ग्रह जिसपर मर्त्यलोककी स्थिति है, पाँच महाभूतोंमेंसे एक; पृथ्वीका तल, भूमि, धरती । - तनया - स्त्री० सीता । - घर - पु० पर्वत । - नाथ, पति -पाल- पु० राजा । - पुत्रपु० मंगल ग्रह । - भुक् (ज् ), - भृत् - पु० राजा । पृथ्वीश - पु० [सं०] राजा ।
पृष्ट-वि [सं०] पूछा हुआ; जिससे पूछा गया हो; सिक्त । पृष्ठ - पु० [सं०] पीठ; किसी वस्तुका पिछला भाग; किसी वस्तुका ऊपरी भाग, तल; पुस्तक के पन्नेका एक ओरका भाग, सफा । - देश - पु० पीछेका भाग। -पोषक - पु० सहायक। -पोषण - पु० सहायता करना। -भागपु० पिछला भाग। -भूमि- स्त्री० मकानकी ऊपरकी मंजिल या छत; पीछेकी भूमि या पीछेका दृश्य, पृष्ठिका; पहले की बातें | - मांसाद-पु० पीठका मांस खानेवाला; चुगुली करनेवाला, चुगुलखोर । - मांसादन - पु० पीठका मांस खानेकी क्रिया; चुगली खाना । यानपु० सवारी करना (घोड़े आदिकी) । -रक्षक युद्ध - पु० ( रेयर गार्ड ऐक्शन) पीछे हटती हुई सेनाके पृष्ठभाग, पिछले "हिस्से की रक्षा करनेवाली टुकड़ियों द्वारा शत्रुसे किया गया युद्ध, अनुबलका संघर्ष । -रक्षण - पु० पृष्ठ भागकी रक्षा । - लग्न - वि०पीछे-पीछे चलनेवाला, अनुयायी । - वंश - पु० रीढ़ शीर्षक - पु० ( बैनर हेडलाइन) दे० 'पताकाशीर्षक' | पृष्ठतः ( तस ) - अ० [सं०] पीछे पीछेसे पीठकी ओरसे । पृष्ठांकन - पु० [सं०] (एंडोर्समेंट) किसी लेख, पत्र, धनादेश आदिकी पीठपर हस्ताक्षर करना, समर्थन आदि के रूपमें कुछ लिख देना या किसीको कुछ दिये जाने आदिका लिखित आदेश देना ।
पृष्ठांकित - वि० [सं०] (एंडार्ड) जिसपर या जिसकी पीठपर हस्ताक्षर कर दिया गया या कुछ लिख दिया गया हो । पृष्ठास्थि - स्त्री० [सं०] रीढ़ |
पृष्टिका - स्त्री० [सं०] पोछेकी भूमि तथा दृश्यादि; घटनाके पहले की बातें या परिस्थियाँ (बैकग्राउंड) | पँग - स्त्री० झूलने के समय झूले या हिंडोलेका आगे-पीछे जाना । + पु० एक पक्षी । मु०-मारना - झूलेको वेगसे
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