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परमार्थी - परहेज़
परमार्थी (र्थिन् ) - वि० [सं०] परमार्थको जानने या प्राप्त करनेका इच्छुक ।
परमावश्यक सेवाएँ - स्त्री० (इसेंशल सर्विसेज) सर्वसाधा रणको पानी, बिजली आदि देने तथा सार्वजनिक सफाई आदि-संबंधी कार्य ।
जिसने किसी ओर से मुँह मोड़ लिया हो,
परमिति * - स्त्री० परम सीमा; मर्यादा । परमुख* - वि० पराङ्मुख । परमेश - पु० [सं०] ब्रह्मा, विष्णु और महेश - इन तीन रूपोंवाला, सगुण ब्रह्म; शिव; विष्णुः चक्रवती राजा । परमेश्वर - पु० [सं०] दे० 'परमेश'; इंद्र |
परमेश्वरी - स्त्री० [सं०] दुर्गा |
परमेष्ठी ( ष्ठिन् ) - पु० [सं०] ब्रह्मा; शालग्रामका एक विग्रह; शिव; गुरु; गरुड़; अर्हत, जिन; अग्नि ।
परमेसर, परमेसुर - पु० दे० 'परमेश्वर' | परमेसरी* - स्त्री० दे० 'परमेश्वरी' |
परमोद * - पु० दे० 'प्रमोद' |
परमोधना* - स० क्रि० दे० 'परबोधना' - 'बात बनाई जग ठगा, मन परमोधा नाहि' - साखी ।
परयंक * - पु० दे० 'पर्यंक' |
परलउ * - पु० दे० 'प्रलय' ।
परलय * - पु० स्त्री० दे० 'प्रलय' ।
परला - वि० उस ओरका, दूसरी ओरका, उरलाका उलटा । (परले) दरजे, - सिरेका - परम कोटिका, हद दरजेका, अत्यधिक | मु० (परले) पार होना- हदतक पहुँचना, अंतिम सीमा तक पहुँचना; बहुत दूरतक पहुँचना; समाप्त होना, पूरा होना ।
परवर - + पु० दे० 'परवल'; आँखका एक रोग । वि०, पु० दे० 'प्रवर' । वि० [फा०] पालन-पोषण करनेवाला (समास में प्रयुक्त होता है) । - दिगार- पु० पालन-पोषण करनेवाला, पालक; ईश्वर, अल्ला । परवरिश - स्त्री० [फा०] पालन-पोषण; मेहरबानी । परवल - पु० एक प्रसिद्ध लता; इस लताका फल जो तर कारीके काम आता है; चिचड़ा ।
परवस्ती | - स्त्री० परवरिश, पालन-पोषण । परवा - पु० मिट्टीका बना एक तरहका कटोरा जैसा बरतन, कोसा । स्त्री० पक्षकी पहली तिथि, परिवा; एक घास [फा०] चाह, खाहिश; फिक्र, चिंता, किसी बातकी ओर मन लगाना, ध्यान, अवधान; अवलंब, सहारा, भरोसा,
खटका; गरज |
परवाई* - स्त्री० दे० 'परवा' ।
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परवान* - पु० प्रमाण; अवधि, सीमा; जहाजका मस्तूल । परवानना* - स० क्रि० प्रमाणरूप मानना, ठीक समझना । | परवानगी - स्त्री० [फा०] इजाजत, आज्ञा, फरमान । परवाना - पु० [फा०] लिखित आज्ञा, आज्ञापत्र, अनुमति पत्र, हुक्मनामा, फरमान; बरी, चूना आदि नापनेका एक बड़ा पैमाना; जागीरका हुक्म; लाइसेंस; नौकरीका आज्ञापत्र, नियुक्तिपत्र; नायबके नाम भेजा जानेवाला आज्ञापत्र; शेरके आगे चलनेवाला जानवर; फलिंगा, पंखी । - गिरफ्तारी - पु० बंदी बनानेका आशापत्र । - तलाशी
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पु० खाना तलाशीका आशापत्र | -नवीस - पु० परवाना लिखनेवाला कर्मचारी, वह क्लर्क जो परवाना लिखे । - राहदारी - पु० दूसरे देशमें जानेका सरकारकी ओर से मिलनेवाला स्वीकृतिपत्र (पासपोर्ट) ।
परवाया - पु० चारपाईके पायोंके नीचे रखी जानेवाली वस्तु । परवाल * - पु० दे० 'प्रवाल' | परवास* - पु० आच्छादन; प्रवास | परवाह - स्त्री० दे० 'परवा' । परवीन* - वि० दे० 'प्रवीण' ।
परवेख* - पु० यदा-कदा चंद्रमाके चारों ओर बन जानेवाला बादलके टुकड़ेकी तरहका घेरा; दे० ' परिवेष' । परवेश* - पु० दे० 'प्रवेश' ।
परश - पु० [सं०] पारस पत्थर |
परशु - पु० [सं०] कुल्हाड़ीकी तरहका एक प्रसिद्ध अस्त्र, फरसा (यही परशुरामका प्रधान अस्त्र था); अस्त्र । -घरपु० परशु धारण करनेवाला; परशुराम; गणेश । - पलाशपु० फरसेका फल | - मुद्रा - स्त्री० उँगलियोंकी एक प्रकारकी मुद्रा । -राम- पु० जमदग्नि ऋषिके एक पुत्र जो विष्णु के छठे अवतार माने जाते हैं (इन्होंने २१ बार पृथ्वीको क्षत्रियोंसे रहित कर दिया था)। -वनपु० एक नरक ।
परसंग - पु० दे० 'प्रसंग' | परसंसा * - स्त्री० दे० 'प्रशंसा' ।
परस* - पु० स्पर्श, छूना। -पखान- पु० पारस पत्थर | परसन - पु० स्पर्श । * वि० प्रसन्न, खुश | परसना - स० क्रि० खानेवालोंके सामने भोज्य वस्तुएँ रखना; * छूना, स्पर्श करना । परसन्न * - वि० दे० 'प्रसन्न' |
परसर्ग-पु० [सं०] शब्द के आगे जोड़ा जानेवाला प्रत्यय । परसा- पु० फरसा, कुठार; पत्तल आदिमें रखा हुआ एक व्यक्तिके खानेभरका भोजन ।
परसाद* - पु० दे० 'प्रसाद' | परसादी - स्त्री० दे० 'प्रसाद' ।
परसाना - सु० क्रि० भोज्य वस्तु सामने रखवाना; * स्पर्श कराना, छुलाना; फैलाना - 'दलपर फन परसावति' -सू०| परसिद्ध* - वि० दे० 'प्रसिद्ध' । परसु* - पु० दे० 'परशु' । परसूत - वि० दे० 'प्रसूत' । परसेद - पु० दे० 'प्रस्वेद' |
परसों - अ० पिछले दिनसे एक दिन पहले; अगले दिनसे एक दिन आगे ।
परसोत्तम* - पु० दे० 'पुरुषोत्तम' । परसौहाँ * - वि० स्पर्श करनेवाला, छूनेवाला । परस्पर- अ० [सं०] एक दूसरे के साथ, आपसमें । परस्परोपमा - स्त्री० [सं०] उपमालंकारका एक भेद, उपमे योपमा ।
परहरना * - स० क्रि० त्यागना, छोड़ना, तजना । परहेज़-पु० [फा०] निषिद्ध वस्तुओंसे बचना; बीमारका हानिकर वस्तु न खाना, कुपथ्यसे बचना; खाने-पीने आदिका संयम दोष-पापसे बचना। -गार-पु० परहेज
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