________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
धनकुट्टी - धमधमाना
किसी व्यापार में धन लगाना; सूदपर रुपया देना । - प्रेषणादेश - पु० ( मनीआर्डर) डाकखानेका एक तरहका चेक या धनादेश जिसके जरिये अन्यत्र स्थित व्यक्तिके पास रुपया भेजा जाता मनीआर्डर । -मद- पु० धनका गर्व । - विद्युदणु - पु० (प्रोटॉन) धन विद्युत्शक्तिकी वह इकाई जो परमाणुका मध्य बिंदु मानी जाती है। और जिसके चारों ओर ऋण विद्युदणु चक्कर लगाते हैं । - विधेयक - पु० (मनी बिल) संसद या विधानसभा आदि में पुरःस्थापित किया जानेवाला वह विधेयक जिसका उद्देश्य राज्यकी आय बढ़ाना अथवा धन-संबंधी अन्य माँग स्वीकृत कराना हो; दे० 'वित्तविधेयक' । - शाली ( लिनू ) - वि० धनवाला, जिसके पास धन हो, धनी । - स्थान - पु० कुंडली में लग्नसे दूसरा स्थान । - स्वामी (मिन्) - पु० कुवेर । - हर - वि० धन हरण करनेवाला। ५० चोर; उत्तराधिकारी । -हीन- वि० निर्धन, दरिद्र । धनकुट्टी - स्त्री० धान कूटने की क्रिया; धान कूटनेका औजार । धनवंत * - वि० धनवान् ।
धनवान् (वत्) - वि० [सं०] धनवाला, धनी । धना - * स्त्री० युवती; वधू । + पु० धनिया । धनाढ्य - वि० [सं०] धनवान्, दौलतमंद | धनादेश - पु० [सं०] (चेक) किसी बैंक ( अधिकोष )को, जिसमें किसी व्यक्तिका हिसाब हो, दिया गया इस आशयका लिखित आदेश कि वाहकको या नामनिर्देशित व्यक्तिको आदेशमें उल्लिखित रकम, उसके हिसाब से, दे दी जाय; (मनीऑर्डर) दे० 'धनप्रेषणादेश' । धनाधिप - पु० [सं०] कुबेर । धनाध्यक्ष - पु० [सं०] कुबेर; खजांची । धनार्थी (र्थिन् ) - पु० [सं०] धन चाहनेवाला । धनि* - स्त्री० युवती; वधू । वि० धन्य । - धनि* - अ०
|
धन्य धन्य ।
धनिया - स्त्री० एक प्रसिद्ध मसाला । * युवती; वधू, स्त्री । धनी, धनीका - स्त्री० [सं०] युवती स्त्री । धनी (निन्)-वि० [सं०] धनवाला, दौलतमंद, कुशल, सिद्धहस्त - जैसे 'कलमका धनी' । पु० धनवान् मनुष्य; उत्तमर्ण; किसी वस्तुका स्वामी ( बातका धनी-दे० 'बात' में।) - मानी (निन्) - वि० धनवान् और प्रतिष्ठित । धनु - पु० [सं०] धनुष; धनुर्धर; मेष आदि बारह राशियोंमेंसे एक; एक लग्न | - कार* - पु० धनुर्धर । धनुआ - ५० रुई धुननेका औजार; धनुष् । धनुई+- - स्त्री० दे० 'धनुही' | धनुक * - पु० धनुष्; इंद्रधनुष् ।
धनुर् - पु० [सं०] 'धनुस' का समासमें प्रयुक्त रूप । -गुण- पु० प्रत्यंचा, धनुष्की डोरी । -धर- पु० धनुष धारण करनेवाला; वह व्यक्ति जो धनुर्विद्या जानता हो,
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
३७८
तीरंदाज । - धारी (रिन् ) - वि० जो धनुष धारण करे । पु० दे० 'धनुर्धर' । - यज्ञ-पु० एक यज्ञ जिसे सीता के लिए वर चुननेके निमित्त जनकने किया था; एक यज्ञ जिसे कृष्णको धोखा देनेके लिए कंसने किया था । -विद्या- स्त्री० तीर चलानेकी विद्या, बाणविद्या, तीरंदाजी । - वेद- पु० यजुर्वेदका उपवेद जिसमें मुख्यतः धनुर्विद्याका और अंशत: अन्य शास्त्रोंका वर्णन है । धनुष (स् ) - पु० [सं०] तीर चलानेका एक प्रसिद्ध साधन । - आकार - वि०धनुष्के आकारका, आकार में धनुष जैसा । - कार - पु० धनुष बनानेवाला । -कोटि- पु० धनुष्का छोर; एक तीर्थ | -पाणि- वि० जिसके हाथमें धनुप् हो । धनुहाई * - स्त्री० धनुष्की लड़ाई, बाणयुद्ध । धनुहिया - स्त्री० दे० 'धनुही' |
धनुही* - स्त्री० छोटा धनुष् जिससे लड़के खेलते हैं । धनेश, धनेश्वर - पु० [सं०] कुबेर; खजांची; विष्णु । धनैषणा - स्त्री० [सं०] धनकी इच्छा ।
धनैषी (पिन) - वि० [सं०] धन चाहनेवाला | धोष्मा ( मन ) - स्त्री० [सं०] धनकी गरमी । धन्ना - पु० धरना, किसी बात के लिए अड़कर बैठना । धन्नासेठ - पु० बहुत धनी मनुष्य ।
धन्यं मन्य - वि० [सं०] अपनेको धन्य, भाग्यशाली मानने
वाला ।
धन्य- वि० [सं०] कृतार्थ; प्रशंसनीय; पुण्यात्मा, सुकृती; भाग्यशाली । अ० साधुवाद देनेके लिए बोला जानेवाला एक शब्द | -वाद- पु० 'धन्य धन्य' कहना, साधुवाद; वाहवाही; कृतज्ञताप्रकाश । अ० कृतज्ञता प्रकट करनेका एक शब्द |
धन्या - स्त्री० [सं०] धात्री; पली । वि० स्त्री० प्रशंसनीया, भाग्यशालिनी; पुण्यवती (स्त्री) ।
|
धनिक-वि० [सं०] धनवान्, धनी । पु० धनाढ्य मनुष्य ऋणदाता उत्तमर्ण; स्वामी, पति । - तंत्र - पु० ( प्लूटार्क) वह शासन व्यवस्था जिसमें धनिक वर्गका प्राधान्य हो । - लोकतंत्र - पु० ( प्लुटोक्रेटिक डिमोक्रेसी) वह 'लोकतंत्र' जिसमें शासनसत्ता प्रायः धनिकोंके ही प्रतिनिधियों के हाथ में हो ।
धन्वंतरि - पु० [सं०] देववैद्य जो चौदह रत्नोंमेंसे हैं । धन्वा ( न्वन् ) - पु० [सं०] चाप, धनुषु । धन्वाकार- वि० [सं०] धनुष्के आकारका । धन्वी ( न्विन् ) - वि० [सं०] जिसने धनुप् धारण किया हो; धूर्त ; विदग्ध । पु० धनुर्धर; अर्जुन; विष्णु शिव । धपना - अ० क्रि० वेगसे आगे बढ़ना, झपटना । धप्पा- पु० थप्पड़, तमाचा; टोटा, नुकसान | धब्बा - पु० किसी वस्तुपर पड़ा हुआ भद्दा और बेमेल चिह्न, दाग; कर्डक; ऐव, दोष | मु० - लगाना - कलंकित करना । धम - स्त्री० किसी भारी वस्तुके गिरने या पृथिवी, छत आदिपर दबाव डालते हुए चलनेसे होनेवाला शब्द । -से-दे० 'धड़ाम से ।
धमक- स्त्री० दे० 'धर्म'; भारी वस्तुके आधात या चलने, दौड़नेसे उत्पन्न कंप |
धमकना - अ० क्रि० 'धर्म' शब्द उत्पन्न करते हुए गिरना; रुक-रुककर पीड़ा देना; प्रहार करना; झपटना । स० क्रि० हथिया लेना । मु० धमक पड़ना ( या आ धम कना) - वेगसे आ पहुँचना, चटपट आ जाना | धमकाना - स० क्रि० धमकी देना, डराना, घुड़कना । धमकी- स्त्री० धमकानेकी क्रिया, घुड़की । धमधमाना - अ० क्रि०, स० क्रि० 'धम धम' शब्द होना
For Private and Personal Use Only