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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ३२१ तरणी-तरुन -जा,-तनया, -तनूजा, -सुता-स्त्री० यमुना । तरसाना-स० कि. किसी वस्तुके लिए किसीको व्याकुल -तनय, -सुत-पु० यम, शनि, कर्ण, सुग्रीव आदि । करना या ललचाना। तरणी-स्त्री० [सं०] बेड़ा, नौका; घीकुआर । तरसौहाँ*-वि० तरसनेवाला । तरतराता-वि० (पकवान) जिससे घी चूता हो। तरह-स्त्री० [अ०] प्रकार, भाँति, ढंग; बनावट; स्थिति । तरतराना*-अ० क्रि० दे० 'तड़तड़ाना' । -दार-वि० अच्छे ढंग या तर्जका सजीला । मु०-देना तरतीब-स्त्री० [अ०] क्रम, सिलसिला। -बचा जाना; जान-बूझकर उपेक्षा करना। तरदीद-स्त्री० [अ०] रद करना, खंडन । | तरहटी-स्त्री० दे० 'तलहटी'। तरदुद--पु० [अ०] झंझट; परेशानी; चिंता, फिक्र, | तरहर, तरहारि, तरहुँड*-अ० नीचे, तले । अंदेशा। तरहेल*-वि० पराजित, परास्त; वशीभूत । तरन*-पु० दे० 'तरण'; तरौना। -तारन-पु० उद्धार तराई-स्त्री० पहाड़के आस-पासकी निम्न भूमि जहाँ सदा करनेवाला; उद्धार । तरी बनी रहती है; * तारा। तरना-अ० क्रि० पार होना; तैरना; भवबंधनसे छुटकारा तराजू-पु० तौलनेका एक यंत्र जिसमें डाँडीके दोनों पाना । स० क्रि० पार करना; * दे० 'तलना' । सिरोंसे तन्नियों द्वारा दो पलड़े बँधे रहते हैं। द० 'तराण' । स्त्री० दे० 'तरणी'। -जा, | तराटक-पु० दे० 'त्राटक' । -तनूजा-स्त्री० दे० 'तरणिजा'। तराना-पु० [फा०] एक प्रकारका गाना। तरनि*-पु०, स्त्री० दे० 'तरणि । तराप*-स्त्री० तोपकी आवाज । तरप*-स्त्री० दे० 'तड़प'। तरापा-पु० हाहाकार । तरपत*-पु० सुभीता। तराबोर-वि० सराबोर, तर बतर । तरपन-पु० दे० 'तर्पण'। तराभर*-स्त्री० 'तडातड़की आवाज; तेजीसे कोई काम तरपना-अ० क्रि० दे० 'तड़पना'। करना। तरपर-अ० नीचे-ऊपर । तरायला*-वि० चंचल तेज। तरपरिया-वि० नीचे-ऊपरका क्रममें पहले और पीछेका। तरारा-पु० लगातार गिरनेवाली जलकी धारा; छलाँग । तरपीला*-वि० तड़पदार, चमकीला । तरावट-स्त्री० तरी शरीरमें ठंढक लानेवाली चीजें । तरफ-स्त्री० [अ०] और बगल । -दार-वि० पक्षपाती, तराश-स्त्री० [फा०] तराशनेकी क्रिया; काट, बनावट तर्ज। सहायक । -दारी-स्त्री० पक्षपात । -खराश-स्त्री०-तर्ज-बनावट, काट-छाँट । तरफराना*-अ० क्रि० दे० 'तड़फड़ाना'। तराशना-सक्रि० काटन।, फाँक-फाँक करना । तरबूज-पु० [फा०] बलुई जमीनपर फैलनेवाली एक बेल-तरास-पु० दे० 'त्रास'।। का फल जो गोल आकारका होता है । तरासना*-स० कि० त्रस्त करना। तरबूजा-पु० ताजा फल । तराही*-अ० नीचे। तरबूजिया-वि० तरबूजेके रंगका, गहरा हरा। तरिणी-स्त्री० [सं०] दे० तरणी' । तरबोना-स० क्रि० तराबोर करना, भिगोना। अ० क्रि० तरिता*-स्त्री० दे० 'तडित्' । . तराबोर होना। तरियाना -स० क्रि० नीचे करना; ढाँकना । अ० क्रि० तरभर*-स्त्री० :'तडातड़की आवाज; खलबली-'बजी तले बैठना, नीचे जमना । बँदूई तरभर माची'-छत्र। तरिवन-पु० कर्णफूल, तरकी। तरमीम-स्त्री० [अ०] दुरुस्ती, संशोधन, हेर-फेर । | तरिवर*-पु० दे० 'तरुवर'। तरराना*-स० क्रि० ऐंठना । तरिहत*-अ० नीचे। तरल-वि० [सं०] द्रव; हिलता-डुलता; चपल; तीव्रगामी; तरी-स्त्री० तरावट, गीलापन; कछार; तराई; * तरकी क्षणभंगुर अस्थिर; चमकीला । जूतेका तला; जूती; [सं०] नौका; गदा; धुआँ । तरलाई-स्त्री० तरलता, द्रबत्व । तरीका-पु० [अ०] रीति, ढंग; उपाय । तरलायित-वि० [सं०] कॅपाया या हिलाया हुआ। तरु-पु० [सं०] वृक्ष, पेड़। -कोटर-पु० वृक्षका खोखला तरलित-वि० [सं०] हिलता हुआ, अस्थिर; प्रवाहशील । भाग। -बाही*-स्त्री० शाखा, डाल। -मृग-पु० तरवन-पु० कानका एक आभूषण, तरकी। बंदर । -वर-पु० उत्तम वृक्ष । तरवर*-पु० उत्तम वृक्ष । तरुण-वि० [सं०] सोलह वर्षसे ऊपरकी अवस्थावाला, तरवरिया*-पु० तलवार चलानेवाला। युवा; चढ़ती जवानीवाला; जो पूर्ण विकासको न प्राप्त तरवरिहा -पु० दे० 'तरवरिया' हुआ हो । पु० युवा पुरुष । -ज्वर-पु० वह ज्वर जो तरवार*-स्त्री० दे० 'तलवार' । एक सप्ताहसे कमका हो। तरवारि-स्त्री० [सं०] तलवार । तरुणाई-स्त्री० युवावस्था । तरस-पु० दया, रहम। तरुणिमा(मन)-स्त्री० [सं०] तारुण्य, जवानी। तरसना-अ० क्रि०किसी वस्तुको पानेके लिए बेचैन रहना। तरुणी-स्त्री० [सं०] युवती; दंती वृक्ष; एक पुष्प । * स० क्रि० तराशना, काटना। | तरुन*-वि० दे० 'तरुण'। For Private and Personal Use Only
SR No.020367
Book TitleGyan Shabdakosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGyanmandal Limited
PublisherGyanmandal Limited
Publication Year1957
Total Pages1016
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size28 MB
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