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डहार-डाह बरतन, कुठिला।
लयीय प्रमाणपत्र'। डहार-वि० कष्ट देनेवाला, तंग करनेवाला।
डाकू-पु० डाका डालनेवाला, लुटेरा। डॉक-स्त्री० चाँदी या ताँबेका अत्यंत पतला पत्तर जो डाक्टर-पु०[अं०] आचार्य, पारंगत विद्वान्, किसी विषयनगीनोंके तले बैठाने और टिकली आदि बनानेके काम का सर्वोच्च उपाधिप्राप्त व्यक्ति; एलोपैथी आदिके अनुसार आता है; + उछाल, उलटी । * पु० डंक; डंका। चिकित्सा करनेवाला। डॉकना-सक्रि० फाँदना, लाँघना । अ० क्रि० वमन | डाक्टरी-स्त्री० एलोपैथी, होम्योपैथी आदि पाश्चात्य चिकिकरना।
त्साशास्त्र । वि० डाक्टरका । डॉग-*पु० डंका; घना जंगल; + लाठी, डंडा; फलाँग। डाख -पु० पलाश, ढाक । डाँट-स्त्री० फटकार, झिड़का दबाव, शासन । मु०-में | डाट-स्त्री० टेक; अटकाव कागः चाँड़, फटकार । रखना-शासन द्वारा वशमें रखना।
डाटना-सक्रि० किसी वस्तुको दूसरी वस्तु भिड़ाकर आगे डाँटना-स० क्रि० झिड़कना, फटकारना, भय दिखानेके ढकेलना; जोरसे भिड़ाना; छेद आदि बंद करना; * हँसलिए जोरसे बोलना।
हँसकर खाना पहनना (व्यंग्य)। डाँड-पु० डंडा; नाव खेनेका बाँस; बिना चमड़ेका गदका डाढ़-स्त्री० चबानेके दाँत, चौभड़ा सूअरका निकला हुआ खेतकी सीमा, मेंड़, ऊँची जमीन; कमर जुरमाना खोयी | दाँत वट आदि वृक्षोंकी शाखासे निकलकर नीचे लटकनेया नष्ट हो गयी वस्तुका बदला ।
वाली जटा, बरोह । डाँड़ना-स० क्रि० जुरमाना करना; हरजाना लेना। | डाढ़ना*-स० क्रि० जलाना, दग्ध करना । डाँडा-पु० डंडा खड्ग नाव खेनेका डंडा, मेंड़ सीमा। डाढ़ा*-पु० वनाग्नि, दावानल; ताप, जलन । -में डा-पु०,-में डी-स्त्री० दो सीमाओंके बीचकी मेंड़ डाढ़ी-स्त्री० ठुड्डी; ठुड्डीपरके बाल । (ला०) घनिष्ठता, निकटता; एका; अनबन ।
डाबक, डाभक-वि० ताजा (पानी)। डाँडी-स्त्री० लंबी, पतली लकड़ी; सीधी रेखा; तराजूकी डाबर-पु० गड्ढा; गड़ही; मैला पानी । वि० गंदा । डंडी; झोली जैसी एक पहाड़ी सवारी जिसमें दो ओर दो डाबा*-पु० डब्बा, ढक्कनदार गहरा बरतन । डंडे लगे रहते हैं। तनेका वह भाग जिसपर फूल या फल डाभ-पु० एक कुश जैसी घास, कुश; (आमकी) बौरस्थित रहता है, टहनी; रस्सियाँ या लकड़ियाँ जिनसे 'जउलहि अंबहि डाम न होई'-५०; हरा नारियल । हिंडोलेकी पटरी लटकती रहती है। * रस्सी; पालकी । डामर-+ पु० सालका गोंद, राल; राल बनानेवाली एक मु०-मारना-कम तौलना ।
मधुमक्खी; अलकतरा। [सं०] शिव द्वारा उपदिष्ट तंत्रविशेष डॉवरा*-पु० दे० 'डावरा'।
होहल्ला; दंगा; हलचल; अद्भुत दृश्य, चमत्कार; एक डाँवरी*-स्त्री० दे० 'डावरी' ।
संकर जाति । वि० भयंकर; अनुरूप; दंगा करनेवाला। डॉवाडोल-वि० चंचल, अस्थिर, हिलता हुआ।
डामल-पु० आजीवन कारावासका दंड देशनिर्वासन । डाँस-पु० एक तरहका बड़ा मच्छड़, कुकुरौंछी । डायन-स्त्री० दे० 'डाइन'। डाइन-स्त्री० चुडैल; जादू करनेवाली स्त्री; डरावनी स्त्री। डायरी-स्त्री० [अं॰] वह पुस्तिका जिसमें दैनिक कार्योंका डाक-स्त्री० पत्रादि पहुँचाने या सवारीका ऐसा प्रबंध जिसमें विवरण हो, रोजनामचा। स्थान-स्थानपर थके हुए मनुष्यों तथा घोड़ोंके बदलनेकी डार* --स्त्री० डाल; फूल आदि रखनेकी डलिया; समूह, झुंड । व्यवस्था हो; चिट्टियों आदिके आने-जानेका सरकारी| हाल-स्त्री० शाखा । पु० विवाहकी एक रस्म जिसमें वरकी प्रबंध; कागज-पत्र जो डाकसे आये, डाक द्वारा आनेवाली ओरसे वधूको कपड़े और गहने दिये जाते हैं। बाँसकी बनी वस्तु; नीलामकी बोली; + वमन । -खाना-पु० पोस्ट- वस्तु जिसमें ये चीजें रखी जाती है; डलिया थाल या आफिस ।-गाड़ी-स्त्री० डाक ढोनेवाली गाड़ी।-घर- डलियामें सजाकर भेजी जानेवाली खाने-पीनेकी चीजें। पु० पोस्ट-आफिस । -चौकी-स्त्री० वह स्थान जहाँ डालना-स० क्रि० गिराना ऊपरसे नीचे पहुँचाना, फेंकना; सवारीके धोड़े आदि बदलें। -बंगला-पु० अफसरों या छोड़ना; मिलाना घुसाना, प्रविष्ट कराना; अंकित करना; परदेशियोंके टिकनेका सरकारी मकान । -महसूल, पहनाना; मत्थे मढ़ना; उपयोगमें लाना; रखना । मु. -व्यय-पु० डाक द्वारा भेजी, मँगायी जानेवाली वस्तु- डाल देना-त्याग करना; छोड़ना; याद न रखना दिलसे पर लगनेवाला खर्च । मु०-बैठाना-शीघ्र पहुँचनेके उतारना; फैलाना, पर्देके रूपमें कोई वस्तु लटकाना । लिए स्थान-स्थानपर सवारी बदलनेकी व्यवस्था करना। डालर-पु० एक अमेरिकन सिका (लगभग चार रुपये)। डाकना-सक्रि० फाँदना, लाँधना । अ०क्रि० कै करना।डाली-स्त्री० भेंटके रूपमें भेजे हुए फल, फूल, मिठाई आदि, डाका-पु० माल लूटनेके लिए लुटेरों द्वारा किया गया नजर पेड़की छोटी शाखा । (भेजना, लगाना।) धावा, छापा । -जनी-स्त्री० डाका मारनेकी क्रिया, डावरा-पु० पुत्र, बेटा। लूट, डकैती।
डावरी*-स्त्री० पुत्री, बेटी। डाकिनी-स्त्री० [सं०] कालीकी एक अनुचरी चुडैल । डासन-पु० बिछावन, बिस्तर । डाकिया-पु० डाक ढोनेवाला ।
डासना-सक्रि० बिछाना; (सादिका) काटना । डाकीय आदेश-पु०(पोस्टल ऑर्डर)दे० पत्रालयिक आदेश। डासनी-स्त्री० खाटा बिछावन । डाकीय प्रमाणपत्र-पु० (पोस्टल सर्टीफिकेट) दे० 'पत्रा-डाह-स्त्री० ईर्ष्या, जलन ।
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