________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
१६३
किसीकी बुराई करनेवाले कामका आयोजन, कुचक्र | - ठाहर, - ठौर - पु० [हिं०] दे० 'कुठाँव' । - डौलवि० [हिं०] बेडौल, भद्दा, कुरूप ढंग - पु० [हिं०] बुरा ढंग, चाल । वि० बेढंगा । - ढंगा-वि० [हिं०] बेढंगा; बेशऊर । -ढंगी - वि० [हिं०] कुपथगामी । - तर्क - पु० दूषित, असंगत तर्क, वितंडा । - तर्कों (र्किन्) - वि० कुतर्क करनेवाला।। - दर्शन - वि० कुरूप, बदशक्ल । - दाँव-पु० [हिं०] कुघात; विश्वासघातः कुठौर । - दाई * - वि० [हिं०] कुघात करनेवाला । - दाउ, - दाय * - पु० दे० 'कुदाँव' । -दिन- पु० दुर्दिन; विप त्तिके दिन । दिष्ट* - स्त्री० दे० 'कुदृष्टि' । - दृष्टि - स्त्री० बुरी, खोटी निगाह; पाप-दृष्टि; अशुभ दृष्टि । - देवपु० दैत्य, राक्षस । - देश - पु० बुरा देश, स्थान । - धातु-स्त्री० निकृष्ट धातु, लोहा । - नाम * - पु० बदनामी । -नामा (मन्) - वि० जिसका नाम सबेरे लेनेसे अमंगलकी आशंका की जाय । पु० अति कृपण व्यक्ति । - पंथ - पु० [हिं०] दे० 'कुपथ' । -पंथी - वि० [हिं०] कुचाली, कुमागी । - पढ़-वि० [हिं०] अनपढ़, मूर्ख । - पथ - पु० अधर्म, अनीतिका रास्ता, कुमार्ग; * कुपथ्य | गामी ( मिनू ) - वि० बुरे आचरणवाला, कुचाली। -पथ्य-वि० अयुक्त, अस्वा स्थ्यकर | पु० अयुक्त, अस्वास्थ्यकर आहार-विहार, बदपरहेजी । - पाठ - पु० बुरी सलाह, कुमंत्रणा । -पात्रवि० (किसी वस्तुका ) अनधिकारी, अयोग्य । - पुत्र- पु० नालायक बेटा, कपूत । - पोषण - पु० (मालन्यूट्रिशन) उत्तम पोषणका अभाव वा कमी, न्यूनपोपण -प्रबंधपु० बुरा, सदोष प्रबंध, बदइंतजामी - बत* - स्त्री०
बुरी बात; बुराई; कुचाल | - बाक* - पु० दे० 'कुवचन' ।
- बानि * - स्त्री० बुरी आदत, टेव । - बानी* - स्त्री० बुरा वाणिज्य | - बुद्धि-स्त्री० दुर्बुद्धि; नासमझी । वि० जिसकी अकल ठीक न हो, नासमझ - बेला - स्त्री० [हिं०] अतिकाल; कुसमय । - बोल - [ [हिं०] पु० कटु, कठोर या अमंगल वचन। - बोलनी* - वि० स्त्री० कुमा पिणी, बुरे बोल बोलनेवाली -भाव-पु० बुरा भाव, द्वेषभाव । - मंत्र - पु० बुरी सलाह, कुपाठ । -मति - स्त्री० दुर्बुद्धि; अपनी बुराई करनेवाली बुद्धि । - मारग पु० दे० 'कुमार्ग' | - मार्ग - पु० कुपथ, बुरा रास्ता । - गामी ( मिनू ), - मार्गी ( गिंन्) - वि० अधर्म, अनीतिकी राहपर जानेवाला, कुचाली । -योग- पु० अशुभ योग; अनिष्ट संयोग । - राय* - स्त्री० दे० 'कुराह' । - राह - स्त्री० [हिं०] कुमार्ग, ऊबड़• खाबड़ रास्ता । - राही - वि० [हिं० ] कुपथगामी । - रीति- स्त्री० बुरा ढंग; निंदनीय प्रथा - रुखवि० [हिं०] जिसका रुख खराब हो, नाराज । - रूप - वि० भद्दी, बेढंगी शकलवाला । -रोग- पु० कठिन, दुस्साध्य रोग । - लक्षण - पु० बुरा लक्षण, अनिष्टसूचक चिह्न | वि० बुरे लक्षणवाला । -लक्षणीवि० [स्त्री० बुरे, अशुभसूचक लक्षणवाली । स्त्री० बुरे लक्षणवाली स्त्री । - लच्छन* - वि०, पु० दे० 'कुलक्षण' । - लच्छनी - वि० स्त्री० [हिं०] दे० 'कुलक्षणी' । वचन,
११
-0
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
कुआँ-कुक्षि
- वाक्य पु० दुर्वचन, गाली । - वाच्य - वि० न कहने योग्य | पु० गाली, दुर्वचन । - वासना - स्त्री० पापमय वासना । - विचार - पु० बुरा, दूषित विचार । - विचारी (रिन्) - वि० बुरे विचारवाला । - वेश- पु० अभद्र वेश । - वैद्य - पु० अशास्त्रीय ढंगसे चिकित्सा करनेवाला, अताई । - शासन - पु० बुरा राज्य प्रबंध, कुराज्य । - संग - पु०, - संगति - स्त्री०बुरी सोहबत । - संस्कारपु० चित्तपर पड़ा हुआ बुरा असर; चित्तमें जमी हुई कुधारणा । - सगुन- पु० अपशकुन | - समय - पु० बुरा समय । - साइत - स्त्री० [हिं०] कुसमय; बुरा मुहूर्त । - साखी - पु० बुरा पेड़, कुवृक्ष । - सूत-पु० बुरा सूत्र; बुरा प्रबंध ।
कुआँ - पु० भूगर्भस्थ जल या तेल निकालने के लिए खोदा गया गहरा और साधारणतः गोल ( कच्चा या पक्का ) गढ़ा, कृप । मु० - खोदना- किसीकी हानि, बुराई करनेका उपाय करना; रोजीके लिए मेहनत करना । कुएँ की मिट्टी कुएँ में लगना - जहाँकी कमाई वहीं खर्च हो जाना । - झँकाना - परेशान करना; तलाश में दौड़ाना। - झाँकना - किसी चीजकी कोशिश में बहुत जगह भटकना, बहुत हैरान होना । - परसे प्यासे आना - कार्यसिद्धिकी जगह से निराश लौटना । - में गिरना - जान-बूझकर विपद् में फँसना । में डालना, - में ढकेलना - लड़कीको बुरे घरमें डाल देना, उसकी जिंदगी बर्बाद कर देना ।
कुआर - पु० आश्विन मास । कुइयाँ- स्त्री० छोटा कुआँ |
कुइँ स्त्री० कमल जैसा एक पौधा जिसमें सफेद फूल लगते और रात में खिलते हैं, कुमुद ।
कुकटी - स्त्री० एक तरहकी कपास, कोकटी । कुकड़ना - अ० क्रि० सिमटना | कुकड़ी-स्त्री० कच्चे सूतका लच्छा; मदारका फल; खुखड़ी | कुकनू - पु० [यू०] एक कल्पित पक्षी जिससे यूनानियोंके विश्वासानुसार संगीतकी उत्पत्ति हुई, आतशजन । कुकरी* - स्त्री० कुक्कुटी, मुर्गी । कुकरौंदा (घा) - पु० एक पौधा ।
कुकुर - पु० [सं०] कुत्ता । - खाँसी, ढाँसी - स्त्री० [हिं०] एक तरहकी बहुत कष्ट देनेवाली और संक्रामक सूखी खाँसी । - दंत - पु० साधारण दाँतोंसे कुछ नीचे निकलनेवाला अतिरिक्त दाँत । - निंदिया- स्त्री० [हिं०] कुत्तेकी नींद, जरासे खटकेसे खुल जानेवाली नींद । - माछी-स्त्री० [हिं०] एक तरह की मक्खी जो घोड़े, कुत्ते आदिको लगा करती है। -मुत्ता - पु० [हिं०] एक तरहका पौधा जो बरसात के दिनों में पेड़ोंकी जड़ोंमें या सीलकी जगहों में उगा करता है, छत्रक । कुकुही - स्त्री० बनमुर्गी । कुक्कुट - पु० [सं०] मुर्गा बनमुर्गा; लुक; चिनगारी । कुक्कुटादि पालन- पु० [सं०] ( पोल्ट्री कीपिंग ) कुक्कुट, बत्तक आदि पालने, उनके अंडे बेचने आदिका व्यवसाय । कुक्कुर - ५० [सं०] कुत्ता; ग्रंथिपणीं । कुक्षि-स्त्री० [सं०] पेट, कोख, गर्भाशय ।
For Private and Personal Use Only