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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org कारक - काल - बारी - वि० काम-काजी; रोजगारी । -रवाई - स्त्री० किसी कामको करना, जारी रखना; काम; हरकत; उपाय, तदबीर; चाल | -स्तानी - स्त्री० साजिश, चालबाजी। कारे खैर - ५० नेक काम, पुण्य कार्य, भलाईका काम । कारक - पु० [सं०] संज्ञा या सर्वनामका वह रूप जिससे वाक्यमें दूसरे शब्दोंके साथ उसका संबंध प्रकट होता है। वि० करनेवाला (लाभकारक हानिकारक इ० - प्रायः समासांतमें) । - दीपक - पु० एक अर्थालंकार जिसमें बहुतसी क्रियाओंके साथ कारक अर्थात् कर्ताका एक ही बार कथन हो । -विभक्ति - स्त्री० कारक सूचित करने वाली विभक्तियाँ । हेतु-पु० वह हेतु जो कार्यका उत्पा दक हो । कारज - * पु० दे० 'कार्य' । कारटा* - पु० करट, कौआ । कारण- पु० [सं०] किसी बात के होनेका हेतु, वह जिससे कार्यकी उत्पत्ति हो, निमित्त, सबव; साधन; कथावस्तुका आधार (ना० ); मूल; प्रमाण । - माला - स्त्री० एक अर्थालंकार जिसमें किसी कारण से उत्पन्न होनेवाला कार्य स्वयं उत्तरोत्तर कारण बनते हुए अन्य कार्य उत्पन्न करता चले । कारतूस - पु० पीतल, दफ्ती आदिकी बनी खोली जिसमें बंदूक, तमंचे आदिके एक फैरभरके लिए गोली, बारूद भरी रहती कारन* - पु० दे० 'कारण'; करुणा - 'नागमती कारन के रोई'- प० । | कारनी* - वि० कर्मकी प्रेरणा करनेवाला; भेद बतानेवाला । कारवाँ - पु० [फा०] देशांतर जानेवाले यात्रियों, व्यापारियोंका झुंड । कारा - वि०काला | पु० सर्प । स्त्री० [सं०] कैद; कैदखाना; पीड़ा; । -गार, -गृह-पु० कैदखाना । -गारिक - पु० ( जेलर) बंदीगृह या वहाँ के बंदियोंकी व्यवस्था, देखरेख आदि करनेवाला मुख्य अधिकारी, कारापाल । - पालपु० जेलका रक्षक, 'जेलर', कारागारिक। - रोधन - पु० ( इनकार सरेशन) कारागृह में बन्द कर देने, जेल भेज देनेकी क्रिया । - वास-पु० कैद | कारिंदा - पु० काम करनेवाला, कर्मचारी, गुमाश्ता । कारिका - स्त्री० [सं०] श्लोकबद्ध व्याख्या; नटी, नर्तकी । कारिख - स्त्री० दे० ' कालिख' । कारित - वि० [सं०] कराया हुआ । कारीगर - पु० [फा०] दस्तकार, शिल्पी । कारीगरी - स्त्री० [फा०] शिल्प, दस्तकारी; शिल्प कौशल । कारु - पु० [सं०] करने, बनानेवाला; कारीगर; विश्वकर्मा । -कार्य-पु० शिल्पकार्य, जाली, नक्काशी आदिका कार्य । कारुणिक - वि० [सं०] दयाशील, करुणा करनेवाला । कारुण्य - पु० [सं०] दया, करुणा । कारूँ-पु० [अ०] मूसाका चचेरा भाई जो बहुत धनवान् पर बड़ा कंजूस था । - का ख़ज़ाना - बेहिसाब दौलत । कारूरा - पु० [अ०] चिकित्सकको रोगीका पेशाब दिखाने की शीशी; पेशाब । मु० - मिलना - बहुत मेल होना । कारोंछ- स्त्री० दे० 'कालो छ' । कारो* - वि० काला । पु० काला आदमी; कृष्ण; सर्प Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir १५६ कारोबार - पु० दे० 'कारबार' । कार्कश्य- पु० [सं०] कठोरता; दृढ़ता; निर्दयता । कार्ड- पु० [अ०] मोटे कागजका टुकड़ा; पोस्टकार्ड कार्त्तिक - पु० [सं०] आश्विन के बादका महीना । कार्त्तिकेय पु० [सं०] स्कंद | कार्पण्य - पु० [सं०] कृपणता, कंजूसी; निर्धनता; दया । कार्मण-पु० [सं०] मंत्र-तंत्रादिका प्रयोग । कार्मना * - स्त्री० दे० 'कार्मण' । कार्मुक - पु० [सं०] धनुष् ; धनुराशि; चाप । वि० कर्मशील । कार्य - पु० [सं०] जो कुछ किया जाय या करना है, कर्त्तव्य; काम; धंधा, व्यवसाय; धार्मिक कृत्य; कारणका विकार, परिणाम; हेतु; नाटकका अंतिम फल । -करवि० काम करनेवाला; प्रभावकर । - कर्ता (र्तृ ) - पु० काम करनेवाला, कर्मचारी । -कारण-भाव-पु० कार्य और कारणका संबंध । -कारी (रिन्) - वि० किसीके स्थानपर अस्थायी रूप से काम करनेवाला, कार्यवाहक (ऐक्टिंग ) 1 - काल - पु० कार्य करनेका समय; किसी पदपर रहनेका काल | - कुशल- वि० काममें होशियार, दक्ष । -क्रम५० होने या किये जानेवाले कार्योंका क्रम या उनकी सूची । - ग्रहणकाल - ५० (जाइनिंग टाइम) किसी संस्था आदिमें या किसी पदपर नियुक्त होनेके बाद काम शुरू करनेका समय । - परिषद् - स्त्री० ( काउंसिल ऑव ऐक्शन) किसी कार्य, काररवाई, आंदोलन आदिका संचालन, नियंत्रण आदि करनेके लिए गठित परिषद् । - पालिका - शक्ति - स्त्री० ( एग्जीक्यूटिव पॉवर) विधि, आज्ञप्ति, न्यायिक अभिनिर्णय आदिको कार्य में परिणत कराने, पालन करानेकी शक्ति । -भार- पु० किसी कार्य या पदका दायित्व । - वाहक - पु० (एजेंट) वह जो किसी देश, संस्था आदिकी ओरसे कार्य करनेके लिए अधिकृत किया गया हो, एजेंट । - वाही- पु० कार्यका भार उठानेवाला । स्त्री० सभा आदिमें हुआ काम, काररबाई । - विवरण - पु० सभा आदिमें हुए कार्यों का विवरण या हाल । -समिति - स्त्री० किसी संस्थाके संचा लनादिका काम करनेवाली मुख्य समिति । - सिद्धिस्त्री० कार्यकी सफलता, कामयाबी । - स्थगन प्रस्तावपु० ( ऐडजर्नमेंट मोशन) किसी अत्यंत आवश्यक एवं सार्वजनिक महत्त्व के प्रश्नपर विचार करनेके लिए विधानसभा आदिमें रखा गया प्रस्ताव जिसमें प्रार्थना की जाती है कि अन्य कार्य छोड़कर पहले इसीपर विचार किया जाय । कार्यतः - अ० [सं०] कार्यरूपमें; फलतः । कार्याकार्य - पु० [सं०] कर्तव्य अकर्तव्य । - विचार - पु० कर्तव्य - अकर्तव्यका विचार । For Private and Personal Use Only कार्यान्वित - वि० [सं०] कार्यरूप प्राप्त, कार्यमें परिणत | कार्यालय - पु० [सं०] काम करनेका स्थान, दफ्तर | कार्य- पु० [सं०] दुबलापन; सालका पेड़ । कार्षापण-पु० [सं०] भारतका एक पुराना सिक्का । काल - पु० [सं०] समय, अवसर; अवधिः समयका कोई विभाग (घड़ी, घंटा आदि); मौसम; अंत; मृत्यु; महाकाल; यम; अकाल, दुर्भिक्ष; शिव; शनि; प्रारब्ध; आँखका काला
SR No.020367
Book TitleGyan Shabdakosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGyanmandal Limited
PublisherGyanmandal Limited
Publication Year1957
Total Pages1016
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size28 MB
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