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कमची-कमानी
-खराक-वि० कम खानेवाला । -स्वाब-पु० एक गिलास; मूत्राशय । -गट्टा-पु० [हिं०] कमलका बीज । रेशमी कपड़ा जिसपर सोने-चाँदीके तारोंका काम होता -गर्भ-पु. कमलका छत्ता। -ज-पु० ब्रह्मा। -नयन है । -ज़ोर-वि० दुर्बल, कम ताकत या असरवाला। -वि० कमलकी पंखुड़ीसी आँखोंवाला । पु० विष्णु, राम; -ज़ोरी-स्त्री० दुर्बलता, अशक्तता । -(व, मो)ज्यादा, कृष्ण। -नाम-पु० विष्णु । -नाल-स्त्री० कमलकी -बेश-अब थोड़ा-बहुत । -तरीन-वि० छोटेसे छोटा; डंडी। -बंध-पु० एक चित्रकाव्य । -बंधु-बांधवकमसे कम; लघुतम । -तोला-वि० कम तौलनेवाला, पु० सूर्य । -बाई-स्त्री० [हिं०] कँवल रोग, पीलिया। डाँड़ी मारनेवाला । -नज़र-वि० जिसकी निगाह थोड़ी -भव-भू-संभव-पु० ब्रह्मा ।-वन-पु० कमलोंका ही दूरतक जाय, अदूरदर्शी । -नसीब-वि० अभागा, समूह । -वायु-स्त्री० एक रोग जिसमें आँखें पीली हो बदनसीब । -बरत-वि० अभागा, हतभाग्य । -बखती जाती हैं, पीलिया। -स्त्री० दुर्भाग्य, बदनसीबी। (-०का मारा-अभागा।) कमला-पु० स्पर्शसे खुजली पैदा करनेवाला सूंड़ी नामक -सिन-वि० कमउम्र; अल्हड़ । -हिम्मत-वि० पस्त- एक कीड़ा; सड़े फल आदिमें पड़नेवाला कीड़ा । स्त्री० हिम्मत, डरपोक, कायर ।
[सं०] लक्ष्मी; धन; एक नदी; एक वर्णवृत्त; एक नीबू । कमची-स्त्री० [तु०] पतली, लचकनेवाली छड़ी; बाँस -कांत,-पति-पु० विष्णु।
आदिकी पतली टहनी; तीली; पंजा लड़ानेका एक प्रकार । कमलाकर-पु० [सं०] कमलोंका समूह; कमलोंसे भरी कमटी-स्त्री० पतली, नरम टहनी ।
झील, तालाब आदि। कमठ-पु० [सं०] कछुआ; बाँस कमंडलु; तूंबी; सलईका कमलाक्ष-वि० [सं०] कमलसी आँखोवाला। वृक्ष; एक दैत्य ।
कमलालया-स्त्री० [सं०] लक्ष्मी। कमठा-पु० कमान ।
कमलासन-पु० [सं०] ब्रह्मा; एक आसन, पद्मासन । कमना -अ० क्रि० कम होना, घटना
कमलिनी-स्त्री० [सं०] कमलका पौधा; कमल-समूह; कमनी*-वि० दे० 'कमनीय' ।
कमल; कमलसे पूर्ण जलाशय । -कांत,-बंधु-पु० सूर्य । कमनीय-वि० [सं०] कामना करने, चाहने योग्य; सुंदर। कमली-स्त्री० छोटा कंबल । कमनैत-पु० कमान बाँधनेवाला, तीरंदाज ।
कमलेश-पु० [सं०] विष्णु । कमनैती-स्त्री० तीरंदाजी ।
कमवाना-स० क्रि० 'कमाना'का प्रे०। कमर-स्त्री० [फा०] शरीरका मध्य, पेट और पेड़ के बीचका कमसिन-वि० दे० 'कम'के साथ । भाग, कटि; मध्य भाग; कुश्तीका एक पेंच । -कोट,- कमाइच*-स्त्री० कमानी; छोटी कमान कोटा-पु० परकोटेके ऊपरकी दीवार जो लगभग कमरभर कमाई-स्त्री० परिश्रमसे पैदा किया हुआ पैसा या माल, ऊँची रहती है; रक्षाके लिए घेरी हुई दीवार । -तोड- उपार्जित धन; श्रम-फल; मजदूरी पैसा कमानेका धंधा पु० कुश्तीका एक पेंच । -पट्टी-स्त्री० अँगरखे आदिमें उद्यम; वस्तुको सुधारने-बनानेका कोम । कमरके ऊपर लगायी जानेवाली पट्टी। -बंद-पु० कमर कमाऊ-वि० कमानेवाला, कमासुत । बाँधनेका एक दुपट्टा, पटुका, पेटी; इजारबंद । -वि० कटि- कमाच-पु० एक रेशमी कपड़ा। बद्ध, मुस्तैद । -बंदी-स्त्री० मुस्तैदी; लड़ाईकी तैयारी। कमाची-स्त्री० झुकी हुई तीली, कमची । मु०-कसना-(किसी कामके लिए) तैयार, आमादा होना; कमान-स्त्री० [फा०] धनुष्; इंद्रधनुष् , मेहराब; दो पक्का इरादा करना। -खोलना-कमरबंद खोलना; दम तारोंके कोणांशकी दूरी या क्षितिजसे किसी तारेकी ऊँचाई लेना; ( यात्रा या किसी कामका) संकल्प, विचार त्याग नापनेका यंत्र; मालखंभकी एक कसरत, * तोप। -गरदेना । -टूटना-हिम्मत पस्त होना; दिल बैठ जाना; पु० कमान बनानेवाला । -चा-पु० छोटी कमान; सारंगी कुछ करनेका दम न रह जाना । -बाँधना-कमरबंद बजानेका गज; धुनकी । -दार-वि० मेहराबदार; कमान बाँधना; सफरके लिए तैयार होना; कमर कसना । -बैठ बाँधनेवाला। जाना-दे० 'कमर टूटना'। -सीधी करना-थकावट कमान-स्त्री० [अ० कमांड] आदेश, हुक्म फौजी ट्यूटी। मिटाना, सुस्तान।।
-अफसर-पु० कमांडर; कमांडिंग अफसर । मु०-पर कमरख-पु० एक वृक्ष या उसका फल जो फाँकदार और जाना-लड़ाईपर जाना। कुछ खट्टा होता है।
कमाना-स० कि० श्रम-उद्यमसे पैसा पैदा करना; अन्नादि कमरखी-वि० कमरख जैसा कमरखके समान फाँकदार। उपजाना; पैदा करना; घरकी कुछ विशेष सेवाएँ (नाई, स्त्री० किसी गोल चीजके किनारे कटी हुई कँगूरेदार फाँके । बारी आदिके काम) नियमपूर्वक करना; पाखाना साफ कमरा-पु० कोठरी; + दे० 'कम्मल' ।
करना; वस्तुको श्रम द्वारा सुधारना, काम लेने लायक कमरिया-स्त्री० दे० 'कमली'; + कमर ।
बनाना (खेत, चमड़ा इ०); संचय करना (पाप,पुण्य इ०); कमरी*-स्त्री० दे० 'कमली'; सलूका।
कसब, वेश्या-वृत्ति करना; + घटाना; छीलकर पतला कमल-पु० [सं०] पानीमें होनेवाला एक प्रसिद्ध पौधा करना।
और उसका फूल, पद्म, जल; ताँबा, लोभ, सारस, ब्रह्मा, कमानिया-पु० तीरंताज, कमनैत । वि० मेहराबदार । औषध; मृगोंका एक भेद आँखका कोया; गर्भाशयका मुंहा। कमानी-स्त्री० लोहे आदिकी लचीली और कुछ झुकायी एक वृत्त; पीलिया रोग; मोमबत्ती जलानेका काँचका हुई तीली; घड़ी आदिका तारोंके चक्करकी शकुका पुरजा
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