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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobetirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir घण्टाकर्ण प्रतिष्ठाविधिः सप्तपीठ पूजनात्मको विधिः ॥४५॥ DeeIcoeercootereoteacemaDeeroeae प्रियंगुप्रख्यांगो गळदमलपीयूषनिकष-स्फुरद्वाणीत्राणीकृतसकलशास्त्रोपचयधीः । समस्तपाप्तीनामनुपमविधानं शशिसुत', प्रभूतारातीनामुपनयतु भंगं स भगवान् ॥४॥ ॐ ऐं नमः श्रीबुधाय उत्तरदिगधीशाय हरितवस्त्राय कबहंसवाहनाय पुस्तकहस्ताय श्रीबुध सायुध सवाहन सपरिच्छद इह० शेषं पूर्ववत् ॥ ४॥ गुरुं प्रति शास्त्रप्रस्तारसारप्रततमतिवितानाभिमानातिमान-पागल्म्यः शंभुजंभक्षयकरदिनकृविष्णुभिः पूज्यमानः । निःशेषास्वप्नजातिव्यतिकरपरमाधीविहेतुव॒हत्याः, कान्तः कान्तादिवृद्धिं भवभयहरणः सर्वसंघस्य कुर्यात् ॥५॥ ॐ जीव जीव नमः श्रीगुरवे बृहतीपतये ईशान दिगधीशाय सर्वदेवाचार्याय सर्वग्रहवळवलवत्तराय कांचनवर्णाय पीतवस्त्राय पुस्तकहस्ताय श्रीहंसवाहनाय श्रीगुरो सायुध सवाहन सपरिच्छद इह० शेषं पूर्ववत् ॥ ५ ॥ शुक्रं पतिदयितसंवृतदानपराजित-प्रवरदेहि शरण्य हिरण्यद । दनूजपूज्य जयोशन सर्वदा, दयितसंवृतदानपराजित ॥६॥ ॐ मुं नमः श्रीशुक्राय दैत्याचार्याय आग्नेयदिगधीशाय स्फटिकोज्ज्वलाय श्वेतवस्त्राय कुंभहस्ताय तुरगवाहनाय श्रीशुक्र सायुध सवाहन सपरिच्छद इह० शेषं पूर्ववत् ॥ ६॥ शनि प्रति मा भूद्विपत्समुदयः खलु देहभाजां, द्रागित्युदीरितळधिष्ठगतिनितान्तम् ॥ कादम्बिनीकलितकान्तिरनन्तलक्ष्मी, सूर्यात्मजो वितनुताद् विनयोपगूढम् ॥ ७ ॥ Deameezerozaeredeeme ॥४५॥ For Private and Personal Use Only
SR No.020345
Book TitleGhantakarna Pratishtha Vidhi_
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVardhamansuri
PublisherVardhamansuri
Publication Year
Total Pages64
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari, Ritual, & Vidhi
File Size2 MB
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