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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir भागहार । ४३ (१५) अ-३ अक+३ अ -क इस में अ+ क+३ अ + करे इस का पोर १५ य°३५ १६ + २१ + १ दूस में य+३ +३ +१ इस का भाग देओ। उत्तर, अ-३ अक+३ प्रकर-करे, और १५ य-१० यः +६यर-३य+१। (१६) १६ य: + १६ यार-५८ य +३९ यर-४१ यर + १४ र दूस में २ +३ यर - इस का और य - १६ यर - १६ यार +र इस मैं य-५ यर +7 इस का भाग देओ। उत्तर, य-४ यर+श्यर-२ और य+५ यर+५ यर+र। (१७) ५५ य: - १४४ य + १ इस में य-३य+ १ इस का और ३० -१३ य+१ इस में ३३++१ इस का भाग देओ। उत्सर, ५५ य + २१ + य+३+१और १० य - ११ य +४ य+यर-२ +१। (१८) य-५ +३+२ इस से किस को गुण देवे तो गुणनफल ४७५ -३५५७३+२४११ य+३२ यह होगा? उत्तर, ४७५ य -- १८२ + ७६ -२४ य+१६ । (१९) स्य+cur-CART-९१° इस में ३ य-८यर +१२यर२-१२ यर+यर -३र इस का भाग देओ। उत्तर, ३ य+१२यर+१२ यर+८यर +३२५ । (२०) जिन गुण्य गुणकों का गुणनफल १६ अ + १५ अय- १५ अय -१६ ३९० यह है उन में जो गुणक ४-अय+२ अय+२ अश्या -अय + ४य यह हो तो गुण्य क्या होगा? उत्तर, ४ +अय+२अध्य-अय-अय-४ य । For Private and Personal Use Only
SR No.020330
Book TitleBijganit Purvarddh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBapudev Shastri
PublisherMedical Hall Press
Publication Year
Total Pages299
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size11 MB
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