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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ময়মনীখি হন। .... (६) एक कुण्ड में पानी पाने के लिये चार झरने थे जो चारों खुले रहें तो एक दिन रात में अर्थात २४ घण्टे में चारो झरनों से पानी मिल के ७३ मन भावे । और इतना उस कुण्ड में नहीं समाता था। परंतु ओ पहिला झरना १२ घण्टे खुला रहे और तीनों दिन रात खुले रहे तो समय कुण्ड जल से भर जावे । वा जो दूसरा झरना ८ घण्टे खुला रहे और तीनों दिन रात खुले रहे तभी कुण्ड समय जल से भर जाधे। वा जो तीसरा झरना ६ घण्टे और सब तीनों २४ घण्टे तक खुले रहे तौभी वह जल से भर जाता था। ऐसा हि नो चौथा झरना केवल घण्टे ४८ मिनिट तक खुला रहे और सब रात दिन खुले रहे तभी एक अहोरात्र में सब कुण्ड जल से पूर्ण होता था। तो २४ घण्टों में हर एक झरने से कितना २ पानी आता था और उस कुण्ड में कितने मनः पानी समाता था सो कहो। उत्तर, पहिले भरने से २४ मन, दूसरे से १८, तीसरे से १६ और . चौथे से १५ और उस कुण्ड में ६१ मन पानी समाता था । (७)। अ. क, ग और घ ये चार मनुष्य कुछ २ रुपये लेके दूक? यत खेलने बैठे उस में अ और घ के रूपये मिलके क और ग के रुपयों के योग से २४४ अधिक थे। उस खेल में पहिले अ मनुष्य जीता तब उस ने अपने पास जितने रुपये थे उतने २ रूपये और तीनों से ले लिये। फिर दूसरी बार खेल में क जीता तब उस ने भी अपने पास जितना धन था उतना २ धन औरों से लिया। तब क्रम से ग, और घये दोनो जीते उन्हों ने भी वैसा ही धन औरों से लिया । तब अन्त में सब के पास समान रूपये हो गये। तब खेल के आरम्भ में हर एक के पास कितने २ रुपये थे सो कहो। । उत्तर, अके पास १२५, क के २२५, ग के ३०५ और घ के ३६८ रुपये। (८)। एक मनुष्य ने ३ रुपयों के ५ कबूतर, ५ रुपयों के ७ सारस पक्षी, ७ रुपयों के हंस पक्षी और रूपयों के ३ मोर इस भाव से १०० For Private and Personal Use Only
SR No.020330
Book TitleBijganit Purvarddh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBapudev Shastri
PublisherMedical Hall Press
Publication Year
Total Pages299
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size11 MB
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