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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir exarashtatueम्बन्धि प्रश्न । पहिले हि प्रहर में मनुष्य खेत में जाके उस ने उस सब धन के चार समान विभाग किये तो शेष कुछ नहीं रहा तब उस ने उस में से एक विभाग लेके तीन विभाग वहां रख दिये । फिर दूसरे प्रहर में क मनुष्य वहां गया उस ने शेष धन के समान चार विभाग किये तोशेष १ अशर्फी बची। तब क ने वह १ अशर्फी और एक विभाग लेके शेष धन वहां रख दिया। फिर तीसरे और चौथे प्रहर में क्रम से ग और घ मनुष्य वहां गये । दनों ने भी इसी प्रकार से उस में से धन लिया उस में ग के विभाग करने में दो अशर्फी और घ के विभाग करने में तीन अशर्फी बच्चों । फिर दूसरे दिन प्रातःकाल चारो जने मिल के गये । उन्हों ने उस शेष धन के समान चार विभाग किये तो शेष कुछ नहीं रहा । तब वह एक २ विभाग चारों ने लिया और सब अपने २ घर २५८ " चले गये । तब ऐसा जाना गया कि क और ग को जितनी अशर्फी मिलों उन के योग से अ और घ के अशर्फियों का योग ५६ अधिक था । तो सब धन में कितनी अशर्फी थीं और हर एक मनुष्य ने कितनी २ अशर्फी पाईं से कहो ? उत्तर सब धन में २०६० अशर्फी थीं और उस में से चने ६००, क ने ५४९, ग ने ४५३ और घ ने ३८१ अशर्फी पाईं। (७३) पांच मनुष्यों ने कुछ धन आपस में इस प्रकार से बांट लिया कि पहिले मनुष्य ने सब धन का चौथा भाग और २४३ रुपये लिये | फिर दूसरे ने जो शेष धन बचा उस का चौथा भाग और २४३ रुपये लिये । फिर जो शेष धन रहा से भी क्रम से और तीन मनुष्यों ने इसी प्रकार से बांट लिया। तब अन्त में शेष कुछ नहीं रहा । तो बताओ वह सब धन कितना था और हर एक मनुष्य ने कितने २ रुपये लिये ? For Private and Personal Use Only 藥材 उत्तर, * सब धन ३१२४ रुपये था और हर एक मनुष्य ने से १०२४, ०६८, ५०६, ४३२ और ३२४ रुपये लिये ।
SR No.020330
Book TitleBijganit Purvarddh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBapudev Shastri
PublisherMedical Hall Press
Publication Year
Total Pages299
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size11 MB
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