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অন্য যক্ষদানীজযে। .. अथवा तीन समीकरणों में कोई दो समीकरणों से जो हो सके तो दो अव्यक्तों की उन्मिति ऐसी निकालो कि जिनमें अवशिष्ट एक हि अध्यक्त रहे । तब उन उमितियों का अवशिष्ट समीकरण में उत्थापन करने से गक समीकरण ऐसा उत्पन होगा कि जिस में एकही अव्यक्त होगा तब समक्रिया से उस अध्यक्त का मान जान के उत्थापन से और दो अव्यक्तों के भी मान जान लेना।
जो चार अव्यक्त हों तो उन के मान चार अध्यक्तों से ज्ञात होंगे। उस का प्रकार यह है। निर्दिष्ट चार समीकरणों से पर्वात रीति करके तीन समीकरण उत्पन्न करो ऐसे कि जिन में तीन ही अव्यक्त होवे। तब उन तीन अव्यक्तों के मान ऊपर के विधि से ज्ञात होंगे फिर उत्थापन से चौथे का भी मान ज्ञात होगा।
इसी भांति निन पांच आदि समीकरणों में उतनेहि अव्यक्त होंगे उन की भी सक्रिया जानो।
उदा० (१) य+र+ल१३, २ य-३र+8 ल = • और ३ य +४२-५ल = २९ इस में य, र और ल दून के मान क्या हैं?
यहां (१) से य = १३ - र - ल, (२) से य = ३र--४ल
:: ६-२२-२ल =३र-४ ल, वा, ५र-२ल = २६ ।
अथवा, (१) से य = १३ -र-ल इस उमिति का (२) में उत्थापन करने से, २(१३-र-ल)-३र + ४ ल = 0
:. २६-१२-२ल-३र+४ ल=०, वा, ५र-रल=२६ । को ऊपर उत्पत्र हुआ था सोहि समीकरण उत्पन्न हुआ।
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