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परिभाषा । यही घातमापक घास क्रिया का द्योतक चिह्न है इस को मलपद के ऊपर दहिनी ओर लिखते हैं। जैसा ।
अ था अन इस के स्थानपर अर्थात् अको इसी में गणके जो फल होगा उस के स्थानपर अरयों लिखते हैं। और अइस को अका वर्ग वा प्रवर्ग कहते हैं।
साहि । ४ x अ, वा, अअअ के स्थानपर यह लिखते हैं। और इस को अका घनघा अघन कहते हैं।
और अxxx इत्यादि न पदों के गुणनफल के स्थानपर अन यो लिखते हैं। और इस को अ का भघात वा अनघान कहते हैं ।
और इसी लिये अका घातमापक १ है या यह इस के समान है। रसी भांति (अ+क), (अ+क), (+ कम से कम से अ+क सबर्ग, घमर मघातको दिखलाते हैं।
८। कोइ एक पद जिस किसी दूसरे पद का वर्गादिक घात हो उप्त दूसरे पद को उस शतरूप पद का वादिमूल कहते हैं। और उस धात के घानमापक को उस मनरूप पद का मलमापक कहते हैं। यही मूलमायक दस चिह्न में रह के मूलनिया को दिखलाता है।
जैसा। यह अके वर्गमूल को दिखलाता है । इस को प्रायः 'अ यों ही लिखते हैं। "अ यह अके धनमल को दिखलाता है।
अ यह पा के चतुघीतमल को दिखलाता है। न/ यह दिखलाता है कि जितनी न ही संख्या होगी उतना काल लिया है इसका का नहातमूल कहते हैं। चाहि। .. + य यह अ+ य के वर्गल को दिखलाता है।
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