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7369 पाक्षिक सूत्र Paksika Sutra
Substance : Countrymade Paper ; Size : 9. in by 5 in ; Foll: 29 ; Nine Lincs in Page Character : Jaina Devanāgari; Appearance : fresh ; Complete.
The Pākṣika Sūtra, the first Müla Sūtra of the Jaina Sacred Canons. The Ms begins Fol 1a.
श्रीजिनाय नमः ॥ ॥ तित्थंकरे अतित्थे ॥ अतित्थसिद्ध य तित्थसिद्धे य ॥ सिद्धे अजिणे अरिसी ॥ महरिसिनाणं च वंदामि ॥१॥ जे अइम' गुणवयणसायर ॥ मविराहि ऊण तिन्ति संसारा ॥ ते मंगल करित्ता ॥ अहमवि आराहणाभिमुहो ॥२॥ मम मंगलमरिहंता ॥ सिद्धा साहू स्यं च धम्मो य ॥ खंती गुत्ती मुत्ती ॥ अज्जवया मद्दव चेव ॥३॥ लोगंमि संजयाज' कर ति ॥ परम रिसि देसियमुयार। अहमवि उवठिउत॥ महव्व उच्चारण काउौं ॥४॥ से कि त महव्वय उच्चारणा ॥ 'The Ms ends Fol 29a.
मिच्छामि दुक्कड । सूयदेवया भगवई। नाणावरणीय कम्म संघाय। तिसि खवेउ सययं ॥ जेसि सूयसागार भत्ती ॥१॥ DATE AND PLACE OF Ms.
संवत् १६०१ श्रावण शुदि १२ भृगुवार ॥ पप्रमूल चंदजी मुनेः श्रा रामचंद्रजी मुहणोते विहरापित ॥ महिमापुरमध्ये ॥ COLOPHON.
इति पाक्षिकसूत्र समाप्तम् ।। "POST COLOPHON.
श्री॥
श्री॥
श्री ॥
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