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A DEBORIPTIVE CATALOGUE OF
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18451 शालिवाहन शके 1334
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{Vyavahårakānda )
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अंगिरोब्दे चाश्वयुजे सप्तम्यां शुक्लपक्ष के । नारायणेन विदुषा लिखितं चंद्रिकात्मिका ॥ श्रीसांब सदाशिवार्पणमस्तु ॥
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18455 श्री केशवादित्यसमुद्भवस्य देवस्य शान्तिद्विजराजमूर्तेः । सञ्चन्द्रिकां प्राप्य सुखेन लोकाः कुर्वन्तु
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श्रीकृष्णार्पणमस्तु || सुभानु संवत्सरं श्रावण बहुल ४ सोमवारनाडु स्मृतिचन्द्रिका व्यवहारकांडं समाप्तम् ॥ करकृत + सेवः ॥ 18457 धातुसंवत्सरं श्रावणमास शुक्लपक्षमैन पौर्णमीभानुवासरं नाडु राजमान्यराजश्री दामोदरपंतुलवारिनगरिक चेखिवेङ्कटप ब्राशिन व्यावहारिकं व्यवहारकाण्डं चन्द्रिकमात्रमु " श्रीतुलजाराजस्येदं पुस्तकम् ॥
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स्मृतिमुक्ताफलम् || (बैद्यनाथदीक्षितः) SMRTIMUKTAPHALAM-VAIDYANATHADÎKṢITA.
The Ms. is in & good condition. This is a work very much