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क प्रमाता प्रमाणं वा क्क प्रमेयं क व प्रमाः ।
क किंचित्क न किंचिद्वा सर्वदा विमलस्य मे ॥ ८ ॥
क्व विक्षेपः क चैकाग्र्यं क निर्बोधः क मूढता । क हर्षः क विषादो वा सर्वदा निष्क्रियस्य मे ।। ९ । क चैष व्यवहारो वा क्व च सा परमार्थता । क्व सुखं क्व च वा दुःखं निर्विमर्शस्य मे सदा ॥ १० ॥
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क्वोपदेशः क वा शास्त्रं क्व शिष्यः क्व च वा गुरुः । क्क चास्ति पुरुषार्थो वा निरुपाधेश्शिवस्य मे ॥ १३ ॥ क चास्तिक च वा नास्ति क्वास्ति चैकं क च द्वयम् । बहुनाsत्र किमुक्तेन किञ्चिनोत्तिष्ठते मम ॥ १४ ॥
Subject: Aṣṭāvakriyam.
The matter is dealt with in the following topics:
उपदेशषोडशकम्
आत्मानुभवोल्ला साष्टाविंशतिकम्
आलेपद्वा रोपदेश चतुर्दशकम्
उल्लासषट्कम्
5 लयचतुष्कम्
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इति अवधूतानुभूतिः ।
शिष्योक्तोत्तरोपदेशचतुष्कम्
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