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THE SANSKRIT MANUSCRIPTS.
I. उत्पातखण्ड.
१. शास्त्रनिरूपण.
२. कालनिरूपण.
३. दैवज्ञलक्षण.
8.
राशिस्वरूप.
५. ग्रहयोनिभेद.
६. अङ्ककाद्युदय.
७. भूगोललक्षण.
८. रविचारलक्षण.
९. चन्द्रचारलक्षण.
१०. कुजचारलक्षण.
११. बुधचारलक्षण.
१२. गुरुचारलक्षण.
१३. शुक्रचारलक्षण.
१४. शनिचारलक्षण.
१५. राहुचारलक्षण.
१६. ग्रहयुद्धलक्षण.
१७. ग्रहसमागमलक्षण.
१८. ग्रहकूटलक्षण. १९. ग्रहशृङ्गाटकलक्षण. २०. सप्तर्षिचारलक्षण.
२१. केतुचारलक्षण. २२. प्रतिसूर्यलक्षण.
२३. इन्द्रधनुर्लक्षण. २४. गन्धर्वनगरलक्षण.
२५. उल्कापातलक्षण.
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२६. भूकम्पलक्षण. २७. ग्रहपरिवेषलक्षण. २८. दिग्दाहलक्षण.
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२९. रजोलक्षण.
३०. निर्घातलक्षण.
३१. सन्ध्यालक्षण.
३२. इन्द्रध्वज लक्षण.
३३. त्रिविधोत्पातशान्ति,
३४. देवतोत्पातलक्षण.
३५. अग्न्युत्पात लक्षण.
३६. वृक्षोत्पातलक्षण.
३७. वृष्ट्युत्पातलक्षण.
३८. प्रसवसंभवोत्पातलक्षण.
३९. गोवृषभोत्पातलक्षण..
४०. गजोत्पातलक्षण.
४१. यान केतुरथाद्युत्पातलक्षण.
४२. नानाखगमृगशकुनकजोत्पा
तलक्षण.
४३. देशदुर्निमित्तोत्पातलक्षण.
४४. सकलगेहजनितोत्पातलक्षण. ४५. औत्पातिकफलकालनिश्चय.
४६. देहोद्भूतसकलदुष्टोत्पात
लक्षण.
४७. स्वप्नशान्तिलक्षण.
४८. नवग्रहप्रार्थनलक्षण. ४९. पर्जन्यहोमलक्षण.
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१०. सस्योत्पत्तिलक्षण.
११. अर्धसमृद्धिलक्षण
९२. पुष्पफलवृद्धिलक्षण.
१३. कृषिकर्मलक्षण.
५४. बीजावापलक्षण.
५५. वृक्षगुल्मलताद्यारोपण.
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