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THE SANSKRIT MANUSORIPTS.
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rites to be observed on such occasions and with the making of images of different deities, etc. The headings of the Adhyāyas and the first Adhyāya indicate more fully the subjects dealt with in them.
The names of the Adhyâyas.are१. सङ्ग्रहकथनम्.
२५. षट्तलविधानम्. २. मानोपकरणविधानम्. २६. सप्ततलविधानम्. ३. वास्तुकथनम्.
२७. अष्टतलविधानम्. ४. भूपरीक्षाविधानम.
२८. नवतलविधानम्. ५. भूमिपरिग्रहणम्.
२९. दशतलविधानम्. ६. शङ्कस्थापनलक्षणम्. ३०. एकादशतलविधानम्. ७. पदविन्यासकथनम्.
३१. द्वादशतलविमानविधानम. ८. बलिकर्मविधानम्.
३२. प्राकारविधानम. ९. ग्रामविन्यासविधानम, वास्तुभ- ३३. विष्णुशिवपरिवारविधानम्.
द्रविन्यासविधानम्, स्वस्ति- || ३४. गोपुरविधानम्.
कविन्यासविधानम. ३५. मण्डपविधानम्. १०. ग्रामलक्षणविधानम्. ३६. शालाविधानम. ११. नगरविधानम्.
३७. गृहमानस्थानविधानम्. १२. भूमिलम्बविधानम.
३८. गृहप्रवेशविधानम. १३. गर्भन्यासविधानम्.
३९ द्वारस्थानम. १४. उपपीठविन्यासविधानम्. ४०. द्वारमानविधानम. १५. अधिष्ठानविधानम्.
४१. राजगृहलक्षणम्. १६. स्तम्भलक्षणविधानम ४२. राजलक्षणविधानम्. १७. प्रस्तरविधानम्,
४३. भूपतिलक्षणम्. १८. सन्धिकर्मविधानम्. ४४. रथलक्षणविधानम्. १९. विमानलक्षणम्.
४५. शयनविधानम्. २०. एकतलभूमिविधानम्. ४६. सिंहासनलक्षणविधानम्. २१. द्वितलविधानम्.
४७. तोरणविधानम्. २२. त्रितलविधानम्.
४८. मध्यरङ्गविधानम्. २३. चतुस्तलविधानम. ४९. कल्पवृक्षविधानम्. २४. पश्चतलविधानम्.
५०. अभिषेकलक्षणविधानम्.
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