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No. 7453. षोडशाक्षरमन्त्रः.
SODASĀKSARAMANTRAH. Page, 1. Lines, 10 on a page.
Begins on fol. 172a of the Ms. described under No. 124. wherein it is given as Lalitāşādaśäksaramantra in the list of other works.
Complete.
Similar to the above. Beginning :
अस्य श्रीमहात्रिपुरसुन्दरीमहाशक्तिराजराजेश्वरीषोडशाक्षरीमहामन्त्रस्य आनन्दभैरव ऋषिः, पतिः छन्दः, श्रीमहात्रिपुरसुन्दरी महा. शक्तिर्देवता; ऐं क ए ई ल ह्रीं बीजं, सौः स क ल ही शक्तिः, क्लीं ह स क ह ल हीं कीलकं, मम श्रीमहात्रिपुर . . . . योगः । End:
मनुः--
श्रीं ह्रीं क्लीं ऐं सौः ओं श्रीं ह्रीं क ए ई ल ही ह स क ह ल हीं स क ल हीं सौः ऐं क्लीं ह्रीं श्रीं सौः श्रीं ॥
No. 7454. षोडशाक्षरमन्त्रः.
SÕDASĀKSARAMANTRAH. Page-, 2. Lines, 11 on a page.
Begins on fol. 16a of the MS. described under No. 547. Complete.
Similar to the above. Beginning: ____अस्य श्रीषोडशाक्षरीमहात्रिपुरसुन्दरीमहामन्त्रस्य नित्यानन्दभैरव ऋषिः, तुरीयगायत्री छन्दः, श्रीषोडशाक्षरी श्रीविद्या देवता, श्रां बीजं, श्रीं शक्तिः, धूं कीलकं, श्रीविद्याश्रीमहात्रिपुरसुन्दरीप्रसादसिद्धयर्थे जपे विनियोगः । End:
क ए ई ल हीं ह स क ह ल ही स क ल हीं सौः ऐं की हं श्रीं पुनन्यासः ॥
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