________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir DESCRIPTIVE CATALOGUE OF MANUSCRIPTS. 105 प्रध म्नाह वय एष शङ्करतनुः साक्षादिति प्राग्रहीन् पादौ यस्य विलोक्य भालनयन श्रीमन्नृसिंहो नृपः तत्पुत्रो मधुसूदनायज उदगोजोऽग्नि होत्री शिवध्यानानन्दविकाशिहत्सरसिज़ः श्री रामकृष्णभिधः / तस्याभूत् ननयोऽम्बिकापनिमति लक्ष्मीधरो मन्दधी. स्तेनाय रचितः सतां सुखकरः श्रीशैवकल्पद्रमः / इति श्रीमदेकानं विपिन विनित स्वण्णकूटाचल-शिखरि कन्दरोदर विनोद शम्भुवर• त्रिभुवनेश्वरपदछन्द्वारविन्दमकरन्दशान निर्भरमत्तमधुकर धीलक्ष्मीधमिश्र घिरचिते श्रीशैवकल्पद्र मेऽष्टमः काण्डः / समाप्तोऽयं प्रन्यः / Colophon - भूपतेरवि शाङ्के वीरकेशरिणो मधौ / योगेश्वरेण लिखितः शैवलाद्र मोदयः / / श्री शिवार्पणमस्तु / 157 Dh. 195 शैवकल्पद्रुमः By लक्ष्मीधर मिश्र Substance-Palm leaf. No of folia 44 (15.1" x 1.3") CharacterOriya, Date of copy is not given. Condition good, Inomplete, Find spot-Ranapur area, Dt. Puri No colophon. Same as in No 186 188 P.40a. शेवकल्पद्रुमः By लक्ष्मीधर मिश्र Substance --- Palm leaf, No of folia 183 (14."X 1.") Charautor For Private and Personal Use Only