________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 19 139 अर्थेकरी दस.|| अब पागलोजेणेवचनेकरी प्रा.आचारनावनोजाण दो० तेन्नापानेनबोले प.प्रज्ञा प्र. उखवाएऽखपांमे अनेन्नापानादोषनोजागहोय वंतएतोमीकठणना णअणं परोजेणुवहमेश् आयारजाव दोसंतु नतंनासेन पन्न षामा त तिमहिजहमुरखहजार सां.हेकुतराअथवाहेअन्याइ दव्हेनिखारी हेदौर्जागी टे 13 एमनबोले ३०एमवली अथवावलीएमनबोलेप्रवं 13 तहेवहोलेगालोत्ति सांणेवावसुलेतिय दमएदहएवावि झावंतनबोलेएतोडेमीकग्णि बोलिएतो अ.हेअजियादादिनी अहेमाताहेमासी .श्म नाषामाटेहवेलालपालनीनापान माताअजियाहेपमदादिअथवा नकहे नेवंमाप्रपन्नवं 14 अप्रिएपप्रिएवावि अम्मोमासित्ति पि.हेनाइ 5 ना.हे धुण्हेदिकरी न हेदोहेत्रीदीकरीन दीकरी ह०हेसखीहेसखी नाणेजी ___ एमवली 15 एमनकहेअनेरी | य पिनसेए नायणिति धुयं नतुणियत्तिय 15 हलेहलेत्ति For Private and Personal Use Only