________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir दस.. कह्यो ना०महावीर तानकायनि- मु०मुर्ग प० परिग्रह एमकह्यो म०मोटे रखवाले ऋषीश्वर 21 तो नायपुत्तेणं नाश्णा मुग परिग्गहोवुत्तो श्श्बुन्नो महसिणा 21 स०सर्वक्षेत्रकालनेविषे न.ध- होएतत्वनाजांणसाध संकाय अ.अवधारवो अ०पोताना र्मोपरगणनपाधिकरीसहित निमित्तें पनपाधि दे०देहनेविषेपण / सव्वथ्थुविहिणाबुद्धा संरख्खण परिग्गहे अवि अप्पणोवि देहमि ना.नहीआणेनही म.मम- नपरममतासंागतमाटेपरिग्रहनही सेवाएतपनोजेकरतव्यः तापगुंतोवस्त्रादिक 22 अ.मोटोप्राचार्यतथाप्राचार्यसाधुने स सर्वतीर्थंकर व एमवनायरंति ममाश्यं 55 अहोनिचंतवोकम्मं सव्वबुद्धेहि वन्निय वोतेतपतकोण जाजेम य०पूर्णे स०समतानावनीवृत्तिएकतोएतप जेएकन्नगतन्नोजनजिमवो व.संजंमनिर्वाहनेलजातेमजाण वलीबीजोएतपजेएमदिवस दिवसन्नोजनरात्रिनदी 23 जा य लासमावित्ती एगलत्तंचनोयणं 23 संतिमेसूहुमापाणा For Private and Personal Use Only