________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir दस Ju जजतनाहोयतेम ५०परिवीनेवोसरावीने हवेाहारकरवानीविधीपीकमे किलामप०परीग्वे र्याविहिपझोकमे 1 ने सिकदाचित्गोचरीगयोथको नापामे जयं परिग्वेषण परिठ्ठपपरिकमेर सियायगोयरग्गगन तेवें प०तिहांसाहार को घरें निनितनेमुखे प.पमिलेंदीनेाहारकरेसाधु प्र. ___ करवाने वा अथवा फ़ा.प्राशुकन्नुमीने 72 धणीप्रा परिभुत्तयं कोठंगं नित्तिमूलं वा पमिलेहित्ताण फासुयं 05 अनीआशामांगनने मे बु. ५०नपरढांक्याथानकनेविषे नकनेविषेश्राहारकरे त द्विवंतसाधु सं०ागलेंपाब्लेंढांक्यांधां- ह.हायनेपूजीने / तिहां गुन्नवितु मेहावि पमिछिन्नंमि संवमे हत्थगंसंपमप्रित्ता जिम संसाधु 73 त.तिहातेसाधु नु. अ.कोलिनचोरप्रमुख कं.बो- आवे जिमतांथकां __रमीप्रमुखनोकांटो ति०कदाचित् निघ्नं संजए 73 तत्वसे भुन्नमाणस्स अवियं कंट्टन सिया - त तभु For Private and Personal Use Only