________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir अ. दस टलानेखरमेतथासंघटनतेआहारनेनलीएपुराकर्म- खरमें ना अथवा ह.हाथें द.चाटएकरीका दोपलागेतेमाटे बो॰एमजाणवाअसनादिकअण- सीए दि देताथकां न नश्पकोश्कहस्ता दिनमांणंनषा पगकम्मंजहिंजवे 35 (दिकीधोवालहेंतेणेकरी प. पगतकर्मदोष ज० जेलीधी सं.अंनादिकखरमे द०चाटुए नातेतेणेंकरी नहोयतेमनलीए 35 ह हाथ जनेकरी संसरेण हत्थेणा . दिविए नायणेणवा दण्देताथका ___ जंजोतिहां ए एषणीक दोविजणे तुअवधारणे पलिये नहोएलीए 36 जिमताथकातेमाहिलो दिप्रमाणं पमिलेना जंतत्थेसणियं नवे 36 / / दोएहं तु मुंप्रमा एएक ततिहां दिण्देताका नन अन्तिप्राय संतेहने निआमंत्र वातथा अणबोलानो प०जोए गाणं एगोतत्थ निमंतए दिजमाण नश्वेता बंदं से पामले For Private and Personal Use Only