________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir दस, से ते पाण्अग्नि नोन- वली आ०सर्प कु० कोप्योथकोन सि.कदाचित 173 बालेमंत्रादिकेंकरी वा० करके वि०विष से पावए नोमहेषा आसिविसोवा कुविन्ननख्खे सिया विसं हा हालाहल खाधोथको न.नोहेज मोमोक्ष गु.गुरुनी ही ही- जे जेपुरुष सि. कोमरेनही लगाए 7 पर्वतने हालहलंनमारे नयाविमोखो गुरु हीलणाए 7 जोपव्वयं सिर मस्तकेंकरी निण्नेद सु०सुता व.अथवासीहनें प० जो जेवली ददीए स.बर वानेवांचे जगामे बीना अ.अणीनपरे सा जितुमिठे सुत्तं वसीहं पमिबोहएमा जोवा दए सतिआगो प.प्रहार ए०एनपमागुरुनी आ आशा सि.कदाचितनिश्चें लि०मस्तकेंकरी ने तनायें गि०पर्वतनेपणनेदे पहारं एसोवमासायणयागुरुणं न सिआइसिसेणंगिरंप्पिनि For Private and Personal Use Only