________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir | एपरनेजीतामवाने स.सहायर्नु सुनलुंजे कांध्यांनतेने णहार अ.निर्मल ना०चितनोधणी अ. 63 विषेरातो ता०कायनीरक्षानोकर- त.तपनेविषेरातोतेसाधुना 7 अलंपरोसि 65 सप्राय सु प्रांणरयस्स ताणो अप्पाव नावस्सत जं जेम म०कर्मरुपमल पु.पूर्वन्नवनांकीधाकर्मनेशुद्ध जो०अग्निसमिरि यंप्रेरयोधम्यो व०जिम परेटाले कोणदृष्टांते रुपम ख०रुपनोमेलटालेनिरमलथाए वेरयस्स विसुरजसि मलं पूरेकम समिरि यरुप्पमलं वजोरतेमसाधुनो मलथाए 63 से तेसाधु ता०पूर्वेकह्योतेदवो धूसिधांतकरीसहित अ.ममता आत्पानिर- .परिसहनोसहणहार जि.जितेंद्री रहित अ.परीग्रहरहित णा 63 सेतारि सेदुख्खसहे जिदिए सूएणजुत्ते अमम्मेत्र वि०सोने क.कर्व घ०मेघवादल अगएते क.संपूर्ण अन्नालाना पु.समोह अग अथवाकर्मनासमोहगएउतेकाणदृष्टांते एउतेजेमचंद्रमाविराजेलेमकर्मगए किंचणे विराश् कम्म घणंमि अवगए. कसिणंऊ पुमावगमेवचदि For Private and Personal Use Only