________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir www.kobatirth.org दस. ए.एमनिश्चें बं ब्रह्म ३०स्त्रीनाशरीरथकी ननय चिनिंतेवालेषीने अ. 166 चर्यने नपजे 54 ___ स्त्रीनारुपने एवंख्खू बंनयारसत्थिविग्गहननयं 54 चित्तनित्तिननी नजोये नदीतो न.सचेतनस्त्रीनेत्र- सहितस्त्रीनेकिमजोइसदेजि- दिखनें प.पानीवा थवा अ०अलंकारपहिवेसें- नजरेद्रष्टेसूर्यनेजेम दण्देखीनें लेतेमस्त्रीथीद्रष्टीपामाए नारीवासु अलंकीयं लख्खरंपिव दट्टणं दिष्ठि पमिसमाह जीवाल- ह.हाथपगनेंद्यां क०कान नासिका वि० अ०संतावना वा०सोवर वी 55 होय काप्याहोय सनीस्त्रीने पण रे 55 हत्थंपायपमिन्नं कन्नं नास विगप्पियं अविवास संश्नारि बं ब्रह्मचारी वि. व शरीरनीविनुषाएं इस्त्रीनो प.अतिसरस नो. वर्जे 56 __ सं.संसर्ग नोजनएत्रण वंजयारिविवधए 56 विभुसा स्थिसंसग्गी पणीयरस जो For Private and Personal Use Only